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प्रेम पर उद्धरण

प्रेम के बारे में जहाँ

यह कहा जाता हो कि प्रेम में तो आम व्यक्ति भी कवि-शाइर हो जाता है, वहाँ प्रेम का सर्वप्रमुख काव्य-विषय होना अत्यंत नैसर्गिक है। सात सौ से अधिक काव्य-अभिव्यक्तियों का यह व्यापक और विशिष्ट चयन प्रेम के इर्द-गिर्द इतराती कविताओं से किया गया है। इनमें प्रेम के विविध पक्षों को पढ़ा-परखा जा सकता है।

प्रेम महान है, प्रेम उदार है। प्रेमियों को भी वह उदार और महान बनाता है। प्रेम का मुख्य अर्थ है—‘आत्मत्याग’।

जयशंकर प्रसाद

आज का प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति प्रेम का भूखा है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

हम विचारों के स्तर पर जिससे घृणा करते हैं, भावनाओं के स्तर पर उसी से प्यार करते हैं।

गोरख पांडेय

मैं अब से पढ़ते हुए पुरुषों और बुनाई करती हुई स्त्रियों की तस्वीरें नहीं बनाऊँगा। मैं उन जीवित साथियों की तस्वीरें बनाऊँगा जो ज़िंदगी को जीना जानते हैं और उसे महसूस करते हैं, जो तकलीफ़ें सहते हैं और प्रेम करते हैं।

एडवर्ड मुंक

मुझे जितना अकेला होना चाहिए था, मैं उससे कहीं ज़्यादा अकेली थी; प्यार करने वाली या आधा प्यार करने वाली स्त्री होने के नाते।

एडना ओ’ब्रायन

प्रेम एक घटना में वैसा नहीं होता जैसा कि दूसरी घटना में होता है। समान प्रतीत होने वाली अन्य घटनाओं का अनुभव भी भिन्न होता है।

रघुवीर चौधरी

प्रेम नाम का कोई शाश्वत सूत्र नहीं है जो जीवन भर अपनी उपस्थिति का यक़ीन दिलाता रहे।

रघुवीर चौधरी

इस पर भरोसा मत करो कि कोई भी दोस्त दोषों के बिना है, और किसी स्त्री से प्यार करो, परी से नहीं।

डोरिस लेसिंग

मुझे लगता है कि एक लड़की के लिए किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करना आसान होगा जिसे वह नहीं जानती, क्योंकि जितना अधिक आप पुरुषों को जानोगे; उनसे प्यार करना उतना ही कठिन होगा।

ओरहान पामुक

प्रेम के भ्रम में भी प्रेम की आंशिक स्वीकृति होती है। शायद प्रेम की समग्रता को स्वीकार करना बहुत दुर्लभ है।

रघुवीर चौधरी

अगर किसी प्रेमी का चेहरा आपके दिल पर अंकित है, तो दुनिया अभी भी आपका घर है।

ओरहान पामुक

वह एक युद्ध है जो स्त्री और पुरुष के बीच हमेशा चलता रहता है, जिसे बहुत लोग प्रेम कहकर पुकारते हैं।

एडवर्ड मुंक

…प्यार करना, अधूरी रह गई किताब को जारी रखने जैसा आसान काम नहीं था।

ओउज़ अताय

कला से प्रेम करो। सभी झूठों में से, यह सबसे कम असत्य है।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर
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करुणा और समर्पण के बीच का अंतर प्रेम का सबसे अंधकारमय, सबसे गहरा क्षेत्र है।

ओरहान पामुक

प्यार एक प्रकार का संक्रमण है, जो आप पर क़ब्ज़ा करता है और फिर छोड़ देता है।

अमोस ओज़

जीवन में हर वह चीज़ जिसे हम वास्तव में स्वीकार करते हैं, उसमें बदलाव आता है। इसलिए दुख को प्रेम बनना चाहिए। यही रहस्य है।

कैथरीन मैंसफ़ील्ड

महान विचारकों के लिए दुनिया की जाँच करना, उसे समझाना और नफ़रत करना ज़रूरी हो सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि दुनिया से प्यार करना ही सबसे महत्वपूर्ण है।

हरमन हेस

ख़ुद को किताब की समस्याओं में डुबाना प्यार के बारे में सोचने से बचने का अच्छा तरीक़ा है।

ओरहान पामुक

जाओ, उड़ो, तैरो, कूदो, उतरो, पार करो, अज्ञात से प्रेम करो, अनिश्चित से प्रेम करो, जिसे अब तक नहीं देखा है—उससे प्रेम करो… किसी से भी प्रेम मत करो—तुम जिसके हो, तुम जिसके होगे—अपने आपको खुला छोड़ दो, पुराने झूठ को हटा दो, जो नहीं किया उसे करने की हिम्मत करो, वही करने में तुम्हें ख़ुशी मिलेगी… और प्रसन्न रहो, डर लगने पर वहाँ जाओ जहाँ जाने से डरते हो, आगे बढ़ो, ग़ोता लगाओ, तुम सही मार्ग पर हो।

एलेन सिक्सू

बिना दूँढ़ने का श्रम किए, प्रिय वस्तु की अनुपमता और अमूल्यता का बोध हो ही नहीं सकता।

कुबेरनाथ राय

पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।

रघुनाथ चौधरी

एक बार जब बुराई व्यक्तिगत हो जाती है, रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन जाती है तो उसका विरोध करने का तरीक़ा भी व्यक्तिगत हो जाता है। आत्मा कैसे जीवित रहती है? यह आवश्यक प्रश्न है। और उत्तर यह है : प्रेम और कल्पना से।

अज़र नफ़ीसी

मुझे अपने अतीत से प्यार है। मुझे अपने वर्तमान से प्यार है। जो मेरे पास था उसमें मुझे शर्म नहीं थी, और मैं इस बात से दुखी नहीं हूँ कि अब वह मेरे पास नहीं है।

कोलेट

किसी से प्यार करना मज़बूत एहसास ही नहीं है—यह निर्णय है, यह वादा है।

बेल हुक्स

वह (स्त्री) ख़ुद से तब प्यार कर पाती है, जब कोई पुरुष उसे प्यार के क़ाबिल पाता है।

शुलामिथ फ़ायरस्टोन

घायल दिल पहले कम आत्म-सम्मान पर क़ाबू पाकर आत्म-प्रेम सीखता है।

बेल हुक्स

प्यार और सम्मान : सम्मान के बिना प्यार लंबे समय तक नहीं चल सकता है।

ब्रूस ली
  • संबंधित विषय : समय

प्यार एक आग है यह सबको जला देता है यह हर किसी को विकृत कर देता है यह दुनिया की बदसूरती के लिए बहाना है।

लियोनार्ड कोहेन

याद रखो : प्यार एकदम बकवास है। सच्चा प्यार सिर्फ़ माँ और बच्चे के बीच होता है।

एडना ओ’ब्रायन

प्यार—देखभाल, प्रतिबद्धता, ज्ञान, ज़िम्मेदारी, सम्मान और विश्वास का मेल है।

बेल हुक्स

प्रेम में कामासक्ति की मूल प्रेरणा होते हुए भी उसका अपना स्वरूप और अपना अस्तित्व है।

विजयदान देथा

प्यार करने का चुनाव जुड़ने का विकल्प है—दूसरे में ख़ुद को खोजने का विकल्प।

बेल हुक्स

प्रेम की भावना हम सभी को दूसरे व्यक्ति को जानने की भ्रामक मिथ्या धारणा देती है।

मिलान कुंदेरा

एकांत : रूप की प्यारी-सी अनुपस्थिति।

मिलान कुंदेरा

अगर आप जीवन से प्यार करते हैं तो समय बर्बाद करें, क्योंकि समय ही जीवन है।

ब्रूस ली

प्यार ही जीवित रहने का एकमात्र साधन है।

लियोनार्ड कोहेन

जीवन का कोई पूर्वाभ्यास नहीं है जो अनुभव किया है उसे तो दुबारा जीना संभव है और ही उसे मिटाना संभव है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि प्यार पहली बार नहीं, बल्कि आख़िरी बार करना चाहिए।

ओउज़ अताय

देशप्रेम है क्या? प्रेम ही तो है। इस प्रेम का आकलन क्या है? सारा देश अर्थात् मनुष्य, पशु, पक्षी, नदी, नाले, वन, पर्वत सहित सारी भूमि। यह साहचर्यगत प्रेम है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

प्रेम जितना ही सच्चा, जितना ही हार्दिक होता है, उतना ही कोमल होता है। वह विपत्ति के सागर में उन्मत्त ग़ोते खा सकता है, पर अवहेलना की एक चोट भी सहन नहीं कर सकता।

प्रेमचंद

प्यार नहीं मरता है, पुरुष और स्त्रियाँ मरा करते हैं।

विलियम फॉकनर

दुनिया में प्यार से ज़्यादा कठिन और कुछ भी नहीं।

गाब्रिएल गार्सीया मार्केस

जिसकी पत्नी पतिव्रता है, पति को प्राणों से भी अधिक प्यार करने वाली है तथा पति के ही हित में संलग्न है, वह पुरुष इस पृथ्वी पर धन्य है।

विष्णु शर्मा

सज्जनता कठोरता से अधिक, पानी चट्टान से अधिक और प्यार ताक़त से अधिक मज़बूत है।

हरमन हेस

उसे ही मारोगे हमेशा, चाहते हो जिसे सबसे ज़्यादा।

चक पैलनिक

देश-प्रेम हो और भाषा-प्रेम की चिंता हो, यह असंभव है।

महात्मा गांधी

उसने उस स्त्री को अंदर इसलिए नहीं आने दिया, क्योंकि वह सचमुच में उससे प्यार करता था; बल्कि इसलिए क्योंकि उसने उसकी पूर्वकल्पित धारणाओं के अनुरूप स्वाँग किया था।

शुलामिथ फ़ायरस्टोन

क्या प्रीति का लक्षण यही है कि पुरुष स्त्री को काँच की गुड़िया के समान संभाल कर रखे? वस्तुतः अपने जैसा ही उसे बनाना सच्चे प्रेम का लक्षण है। इसलिए मुझे अपने जैसा ही श्रमजीवी बना लो क्योंकि घर मंदिर नहीं है और मैं गृहिणी हूँ, देवी नहीं।

यशवंत दिनकर पेंढरकर

अपने देश के प्रति मेरा जो प्रेम है, उसके कुछ अंश में मैं अपने जन्म के गाँव को प्यार करता हूँ। और मैं अपने देश को प्यार करता हूँ पृथ्वी— जो सारी की सारी मेरा देश है—के प्रति अपने प्रेम के एक अंश में। और मैं पृथ्वी को प्यार करता हूँ अपने सर्वस्व से, क्योंकि वह मानवता का, ईश्वर का, प्रत्यक्ष आत्मा का निवास-स्थान है।

खलील जिब्रान

पहली शर्म कितनी प्यारी होती है, हालाँकि लोग इसे अक्षमता मान जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश करते हैं। वह इस जादू की बर्फ़ को तोड़ने के लिए अपनी पूरी ताक़त से कोशिश करते हैं।

ओउज़ अताय