साहस पर उद्धरण

साहस वह मानसिक बल या

गुण है, जिसके द्वारा मनुष्य यथेष्ट ऊर्जा या साधन के अभाव में भी भारी कार्य कर बैठता है अथवा विपत्तियों या कठिनाइयों का मुक़ाबला करने में सक्षम होता है। इस चयन में साहस को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

वीरता… बर्बरों की भाषा है।

धूमिल

पुरुषार्थ के बल पर जो लौकिकता अर्जित हुई रहती है, एक सीमा के बाद उसी में से वे कुतर्क जन्म लेने लगते हैं जो पुरुषार्थ को नगण्य करने लगते हैं।

श्रीनरेश मेहता

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