झूठ पर उद्धरण

झूठ मिथ्या या असत्य

वचन है। इसे सत्य का छद्म या भ्रम भी कहा जाता है। यहाँ झूठ शब्द-केंद्र पर परिधि पारती कविताओं का एक चयन प्रस्तुत है।

औरत जब लड़की में बदल जाए तो बिल्कुल चुप रहो। थक जाए, चुप हो जाए, तो मर्दों का बनाया सबसे झूठा वाक्य बोलो, आप तो ग़ुस्से में और सुंदर हो जाती हैं।

स्वदेश दीपक

पुराने दोस्त पी लेने के बाद और पराए हो जाते हैं। पी लेने के बाद दोस्तों की ज़बान खुल जाती है, दिल नहीं।

कृष्ण बलदेव वैद

मैं वह झूठ हूँ, जो हमेशा सच बोलता है।

ज़्यां कॉक्त्यू
  • संबंधित विषय : सच

जब तक सच जूते पहन रहा होता है, तब तक झूठ पूरी दुनिया के चक्कर लगा कर जाता है।

मार्क ट्वेन
  • संबंधित विषय : सच

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए