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कविता पर उद्धरण

कवि को लिखने के लिए कोरी स्लेट कभी नहीं मिलती है। जो स्लेट उसे मिलती है, उस पर पहले से बहुत कुछ लिखा होता है। वह सिर्फ़ बीच की ख़ाली जगह को भरता है। इस भरने की प्रक्रिया में ही रचना की संभावना छिपी हुई है।

केदारनाथ सिंह

विषम समयों में कविता की चुप्पी भी एक चीत्कार की तरह ध्वनित होती रही है। यह चुप्पी केवल कविता की चुप्पी नहीं, एक सामाजिक चेतना की घुटन भरी चीख़ है।

कुँवर नारायण

भाषा के पर्यावरण में कविता की मौजूदगी का तर्क जीवन-सापेक्ष है : उसके प्रेमी और प्रशंसक हमेशा रहेंगे—बहुत ज़्यादा नहीं, लेकिन बहुत समर्पित!

कुँवर नारायण

कविता का एक मतलब यह भी है कि आप आज तक और अब तक कितना आदमी हो सके।

धूमिल

कविता आदमी को मार देती है। और जिसमें आदमी बच गया है, वह अच्छा कवि नहीं है।

धूमिल
  • संबंधित विषय : कवि

कविता विचारहीन नहीं हो सकती, परंतु विचारात्मक प्रतिबद्धता को मैं कविता के लिए अनिवार्य नहीं मानता।

केदारनाथ सिंह

कविता तो जीवन का प्रमाण मात्र है। अगर आपका जीवनदीप अच्छी तरह से जल रहा है, तो कविता सिर्फ़ राख है।

लियोनार्ड कोहेन

कविता की रचना सुनने से जुड़ी है।

यून फ़ुस्से

कविता ऐसे वाक्यांशों को बदल सकती है जो दुनिया को घुमाते हैं।

सामंथा हार्वे

वह सभी उपन्यासों की नायिका थी, सभी नाटकों की नायिका थी, सभी काव्य-पुस्तकों की अस्पष्ट ‘वह’ थी।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

कविता के रंग चित्रकला के प्रकृति-रंग नहीं होते।

राजकमल चौधरी

हर ख़याल कविता नहीं है, लेकिन ख़याल तो है।

जैक केरुआक

अगर पीड़ा से कविता नहीं आती तो और कहाँ से कविता आती है, जैसे पत्थर को निचोड़कर ख़ून निकाला जाता है!

जे. एम. कोएट्ज़ी

कविता विद्वान की कला है।

वॉलेस स्टीवंस
  • संबंधित विषय : कला

पैसा एक तरह की कविता है।

वॉलेस स्टीवंस
  • संबंधित विषय : धन

स्वर्ग और नर्क के बारे में महान कविताएँ लिखी जा चुकी हैं, मगर पृथ्वी पर महान कविता लिखी जानी अभी बाक़ी है।

वॉलेस स्टीवंस

जीवन का एक भी कण ऐसा नहीं है जिसके भीतर कविता हो।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

कविता तो एक जीवन को तोड़कर सकल जीवन बनाती है। और जीवन टूटता है, वह कवि का है।

त्रिलोचन
  • संबंधित विषय : कवि

कविता का संगीत शब्द-ध्वनि का संगीत नहीं है, अर्थ-संकेत (इसे रीतिकालीन ‘अर्थ-संकेत’ के अर्थ में ग्रहण नहीं किया जाए) और अर्थ-विस्तार का संगीत है।

राजकमल चौधरी

कविता विलाप के लिए उपयोगी स्थान है… कविता ऐसी जगह है, जहाँ हम रो सकते हैं।

बेल हुक्स

हम हर दिशा से कविताओं से घिरे हुए हैं।

विन्सेंट वॉन गॉग

वंचना कविता की जननी है।

लियोनार्ड कोहेन

वह व्यक्ति जो कविता की भावनाओं से महान प्रसन्नता प्राप्त करता है, सच्चा कवि है—चाहे उसने पूरे जीवन में कभी एक पंक्ति भी लिखी हो।

जॉर्ज सैंड

लिखते हुए साधारण शब्दों का चयन करें : असंबद्ध लेखन और वाक्-पटुता से बचें—फिर भी, यह सच है, कविता आनंददायक है; सबसे अच्छा गद्य वह है जिसमें भरपूर काव्य विद्यमान है।

वर्जीनिया वुल्फ़

मैं कविता के रूप में ऊपर उठूँगी…

मरीना त्स्वेतायेवा

कविता का उद्देश्य जीवन को स्वयं में पूर्ण बनाना है।

वॉलेस स्टीवंस

मैं कविता में विश्वास करती हूँ।

एलेन सिक्सू

मैंने जिसमें नोट्स बनाए हैं, वह कोई आम डायरी नहीं, बल्कि इसमें मेरे आध्यात्मिक अनुभवों के लंबे रिकॉर्ड्स और गद्य के रूप में कुछ कविताएँ हैं।

एडवर्ड मुंक

दुनिया ख़ुद को हर रोज़ कविता में नहीं सँवारती है।

वॉलेस स्टीवंस

अगर कविता होती तो राम और कृष्ण भी यथार्थ होते।

अशोक वाजपेयी

अपनी एक मूर्ति बनाता हूँ और ढहाता हूँ और आप कहते है कि कविता की है।

रघुवीर सहाय

कविता हमारे लिए भावनाओं का माया-जाल नहीं है। जिनके लिए कविता ऐसी थी, वे लोग बीत चुके हैं।

राजकमल चौधरी

एक कविता तब महानता अर्जित करती है : जब हमें उसमें हमारी इच्छाओं, चाहतों को शब्द मिल रहे होते हैं; कि जब वह किसी घटना का दृष्टांत कर रही हो।

होर्खे लुइस बोर्खेस

कविता की असली शर्त आदमी होना है।

धूमिल

मैं जिन शब्दों को बोलते हुए उठा वे मुझे समझ नहीं आए। वे शब्द कविता थे।

होर्खे लुइस बोर्खेस

कविता लिखना एक अलिखित काव्य की तैयारी करना है।

हुआन रामोन हिमेनेज़

कविता और प्रेम—दो ऐसी चीज़ें हैं, जहाँ मनुष्य होने का मुझे बोध होता है।

गोरख पांडेय

अगर कविता का उद्देश्य आश्चर्यचकित करना हो तो इसका जीवन-काल शताब्दियों में नहीं मापा जाएगा, बल्कि दिनों और घंटों में मापा जाएगा या शायद मिनटों में मापा जाए।

होर्खे लुइस बोर्खेस

नहीं होती, कहीं भी ख़त्म कविता नहीं होती कि वह आवेग त्वरित काल-यात्री है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

अपनी डायरी में एलियट ने एक जगह लिखा है— ‘‘कविता भावनाओं का ज्वार नहीं बल्कि भावनाओं से पलायन है। कविता व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं बल्कि व्यक्तित्व से पलायन है।’’ बाद आगे उन्होंने एक कड़वा प्रतिविचार भी जोड़ा है—‘‘लेकिन सिर्फ़ वे ही जिनका कोई व्यक्तित्व है या जिनके पास भावनाएँ हैं, जानते हैं कि इनसे पलायन करने का मतलब क्या होता है।’’

जे. एम. कोएट्ज़ी

कविता यथार्थ को नज़दीक से देखती, मगर दूर की सोचती है।

कुँवर नारायण

काव्य-रचना का एक अर्थ मनुष्य की कल्पनाशील चेतना का उद्दीपन है।

कुँवर नारायण

कविता क्रांति ले आएगी, ऐसी ख़ुशफ़हमी मैंने कभी नहीं पाली, क्योंकि क्रांति एक संगठित प्रयास का परिणाम होती है, जो कविता के दायरे के बाहर की चीज़ है।

केदारनाथ सिंह

श्रीमानों के शुभागमन पर पद्य बनाना, बात-बात में उनको बधाई देना, कवि का काम नहीं। जिनके रूप या कर्म-कलाप जगत और जीवन के बीच में उसे सुंदर लगते हैं, उन्हीं के वर्णन में वह स्वांतः सुखाय प्रवृत्त होता है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

कवि तो समय की परिधि में नहीं बँधता, उसकी रचना अनंत काल के लिए होती है और इसीलिए उसके काव्य से ऐसे अर्थ भी सिद्ध होते हैं जो उसकी अपनी कल्पना में नहीं होते। यही उसके काव्य की पूर्णता और विशेषता है।

महात्मा गांधी

कला और काव्य दोनों ही का उपजीव्य भावलोक है। भाव-सृष्टि से ही आरंभ में गुण सृष्टि का जन्म होता है और फिर भाव और गुण दोनों की समुदित समृद्धि भूतसृष्टि में अवतीर्ण होती है। भाव-सृष्टि का संबंध मन से, गुण-सृष्टि का प्राण से और भूत-सृष्टि का स्थूल भौतिक रूप से है। इन तीनों की एकसूत्रता से ही लौकिक सृष्टि संभव होती है। इन तीनों के ही नामांतर ज्ञान, क्रिया और अर्थ है।

वासुदेवशरण अग्रवाल

चाहे कविता किसी भाषा में हो, चाहे किसी वाद के अंतर्गत, चाहे उसमें पार्थिव विश्व की अभिव्यक्ति हो, चाहे अपार्थिव की और चाहे दोनों के अविच्छिन्न संबंध की, उसके अमूल्य होने का रहस्य यही है कि वह मनुष्य के हृदय से प्रवाहित हुई है।

महादेवी वर्मा

शास्त्र कटु औषधि के समान अविद्यारूप व्याधि का नाश करता है। काव्य आनंददायक अमृत के समान अज्ञान रूप रोग का नाश करता है।

कुंतक

कल्पना गीत गाती है और उस गीत से प्राण-वीणा में नृत्य छंद बज उठता है।

नलिनीबाला देवी

वह शब्द नहीं, वह अर्थ नहीं, वह न्याय नहीं, वह कला नहीं, जो काव्य का अंग बनती हो। कवि का दायित्व कितना बड़ा है!

भामह