चेहरा पर कविताएँ

चेहरा किसी व्यक्ति की

पहचान से संलग्न है और इस आशय में उसके पूरे अस्तित्व से जुड़ा प्रसंग है। भाषा ने चेहरे पर उठते-गिरते भावों के लिए मुहावरे गढ़े हैं। उसे आईना भी कहा गया है। इस चयन में चेहरे को प्रसंग बनातीं कविताएँ संकलित हैं।

संवाद

वीरू सोनकर

अब लौटें

उदय प्रकाश

अपना-अपना तरीक़ा

जितेंद्र रामप्रकाश

स्त्री का चेहरा

अनीता वर्मा

हुलिया

अजंता देव

अँधेरे अकेले में

निधीश त्यागी

माँ का चेहरा

कृष्ण कल्पित

चेहरा

महेश वर्मा

आनुवादिक त्रुटि

अमित तिवारी

कितने चेहरे एक आदमी के

कृष्ण मुरारी पहारिया

मुख-चमक

उमाशंकर जोशी

चेहरा

रघुवीर सहाय

अगली सुबह

योगेंद्र गौतम

चेहरे

अंकुश कुमार

माँ का जवान चेहरा

ज्योति चावला

उसका जाना

भगवत रावत

आईना

चंद्रकुमार

चेहरे

सौरभ राय

खुरदुरापन

महेश चंद्र पुनेठा

हस्तलिपि

अदिति शर्मा

उसका चेहरा

प्रयाग शुक्ल

दर्शन

अजंता देव

चेहरा

मंगेश पाडगाँवकर

हवा का चेहरा

संजीव गुप्त

मैंने देखा है

अनीता वर्मा

निमग्न

मोना गुलाटी

चूक जाने पर-1

सोमेश शुक्ल

आदमी को देखो

शीला सिद्धांतकर

तीसरा चेहरा

नरेंद्र जैन

वह चेहरा

कुलदीप कुमार

जब मैं

सोमेश शुक्ल

दूसरा चेहरा

गिरधर राठी

चेहरा

रमाशंकर सिंह

मुखौटा

त्रिपुरारि

हमारा चेहरा वापिस करो

राजकुमार कुंभज

मुखौटे

रामजी तिवारी

चेहरा

रुस्तम

चेहरा

राजुला शाह

जा चुके चेहरे

अनिरुद्ध उमट

उत्खनन

आशुतोष दुबे

जश्न-ए-रेख़्ता (2022) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

फ़्री पास यहाँ से प्राप्त कीजिए