स्त्री
स्त्री-विमर्श भारतीय समाज और साहित्य में उभरे सबसे महत्वपूर्ण विमर्शों में से एक है। स्त्री-जीवन, स्त्री-मुक्ति, स्त्री-अधिकार और मर्दवाद और पितृसत्ता से स्त्री-संघर्ष को हिंदी कविता ने एक अरसे से अपना आधार बनाया हुआ है। प्रस्तुत चयन हिंदी कविता में इस स्त्री-स्वर को ही समर्पित है, पुरुष भी जिसमें अपना स्वर प्राय: मिलाते रहते हैं।
नारी की करुणा अंतर्जगत का उच्चतम विकास है, जिसके बल पर समस्त सदाचार ठहरे हुए हैं।