ज्ञान पर कविताएँ

ज्ञान का महत्त्व सभी

युगों और संस्कृतियों में एकसमान रहा है। यहाँ प्रस्तुत है—ज्ञान, बोध, समझ और जानने के विभिन्न पर्यायों को प्रसंग में लातीं कविताओं का एक चयन।

अनागत

देवी प्रसाद मिश्र

कवि

महेंद्र भल्ला

लयबद्ध

कैलाश वाजपेयी

दुनिया का कोण

नवीन रांगियाल

पैंतीस

दर्पण साह

त्रिकाल दीक्षा

दिनेश कुमार शुक्ल

साज़िश

नवीन रांगियाल

सवाल

सौरभ मिश्र

उनका अश्व पकड़ना साथी

संजय चतुर्वेदी

केवल प्रेम है

सुमित त्रिपाठी

ताक़तवर

पंकज सिंह

पेशाब के बहाने

निखिल आनंद गिरि

ज्ञ

संतोष कुमार चतुर्वेदी

सबक़

नवीन रांगियाल

प्लेटो बेबी

प्रियंका दुबे

बस्ता

दिनेश कुमार शुक्ल

उदास लड़के : टॉपर

घुँघरू परमार

जानना

कुलदीप कुमार

ईव

विंदा करंदीकर

स्टेशनरी

सौम्य मालवीय

कमांड

प्रकाश चंद्रायन

सामर्थ्य

आदर्श भूषण

क्या ही ग़ज़ब हुआ

प्रीति चौधरी

गोरखबोध

बोधिसत्व

मालिक

धीरेंद्र

पीसा की झुकी मीनार पर

देवेश पथ सारिया

मैंने भीड़ को

पूनम अरोड़ा

मुझे तुम मिले!

फणीश्वरनाथ रेणु

बुद्ध या बुद्धू

प्रतिभा चौहान

या देवि!

सिद्धेश्वर सिंह

बोधि

कुमार अनुपम

जश्न-ए-रेख़्ता (2022) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

फ़्री पास यहाँ से प्राप्त कीजिए