दिल पर उद्धरण

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

मनुष्य का हृदय समंदर जैसा है, इसमें तूफ़ान है, लहरें हैं और इसकी गहराई में मोती भी है।

विन्सेंट वॉन गॉग

सोने की कटार पर मुग्ध होकर उसे कोई अपने हृदय में डुबा नहीं सकता।

जयशंकर प्रसाद

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