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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

04 दिसम्बर 2025

‘उद्भ्रांत की आत्मकथा : हिंदी साहित्य की अनमोल धरोहर’

‘उद्भ्रांत की आत्मकथा : हिंदी साहित्य की अनमोल धरोहर’

उद्भ्रांत हिंदी साहित्य की उस पीढ़ी के प्रतिनिधि कवि हैं, जिन्होंने ‘नई कविता’ के बाद सातवें दशक में छंद में हाथ आज़माते हुए, कविता के अन्य आंदोलनों के बीच अपनी जगह बनाई—यद्यपि बाद में उन्होंने अपने सम

03 दिसम्बर 2025

मिसफ़िट होने की कला

मिसफ़िट होने की कला

एक मित्र और उनके मात्र ग्यारह साल के बेटे के बीच महीनों का अबोला पसरा है। अबोला अचानक नहीं आया है। कई-कई टकराव और असहमतियों के बाद यह समय आया है। मित्र हैरान हैं। ऐसा तो कहाँ होता था! उस उम्र में तो

02 दिसम्बर 2025

क्रेज़ी किया रे : AI के दौर में मौलिकता की बात

क्रेज़ी किया रे : AI के दौर में मौलिकता की बात

21 नवंबर को मंचित नाटक ‘क्रेज़ी किया रे’ ने एक बार फिर यह सशक्त संदेश दिया कि जब व्यक्ति अपनी मौलिकता छोड़कर किसी और की नक़ल में डूब जाता है, तो वह अनजाने में ही हास्य का पात्र बन जाता है। समाज में ऊ

02 दिसम्बर 2025

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का शब्दकोश : पंडित अमरनाथ की विरासत को नया आयाम

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का शब्दकोश : पंडित अमरनाथ की विरासत को नया आयाम

26 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में शास्त्रीय संगीत गुरु पंडित अमरनाथ द्वारा रचित ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का शब्दकोश’ के हिंदी संस्करण का लोकार्पण इंडिया इंटरनेशनल सेंटर-एनेक्स में हुआ। इस अवसर पर

02 दिसम्बर 2025

धर्मेंद्र : सबसे सरल सिने-अध्याय

धर्मेंद्र : सबसे सरल सिने-अध्याय

धर्मेंद्र के निधन पर एक व्यापक सामूहिक क्षति का एहसास हमें न्यूज़ चैनल्स पर दिखाई गईं ख़बरों और सोशल मीडिया पर दी गईं श्रद्धांजलियों से हुआ। धर्मेंद्र एक बड़े जनसमूह के नायक थे, जिन्होंने लंबे समय तक

01 दिसम्बर 2025

ऐसे वीडियोज हमारी सामूहिक विफलता का दस्तावेज़ हैं

ऐसे वीडियोज हमारी सामूहिक विफलता का दस्तावेज़ हैं

इधर दो-तीन दिनों से इंस्टाग्राम, X और रेडिट जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोर्न वीडियो की चर्चा है। सामान्य तौर पर ऐसे एमएमएस हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में प्रसारित होते रहते हैं और लोग उन्

01 दिसम्बर 2025

बिहार चुनाव में जातीय गानों की भूमिका

बिहार चुनाव में जातीय गानों की भूमिका

बीते नवंबर बिहार विधानसभा का चुनावी समर अपने शबाब पर रहा। बिहार की राजनीति हमेशा से पूरे देश में चर्चा का विषय रही है। जिसका प्रमुख कारण बिहार का एक बड़ा सूबा होना है क्योंकि केंद्र का रास्ता बहुत कु

30 नवम्बर 2025

गर्ल्स हॉस्टल, राजकुमारी और बालकांड!

गर्ल्स हॉस्टल, राजकुमारी और बालकांड!

मुझे ऐसा लगता है कि दुनिया में जितने भी... अजी! रुकिए अगर आप लड़के हैं तो यह पढ़ना स्किप कर सकते हैं, हो सकता है आपको इस लेख में कुछ भी ख़ास न लगे और आप इससे बिल्कुल भी जुड़ाव महसूस न करें। इसलिए आपक

29 नवम्बर 2025

भूख का भूगोल : अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’ पर कुछ अवलोकन

भूख का भूगोल : अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’ पर कुछ अवलोकन

हाल ही में नई पीढ़ी के कवि, गद्यकार और अनुवादक अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’—समालोचन पर प्रकाशित हुई है। बीते कुछ दिनों में इस कहानी के साथ लगातार रहने का अवसर मिला। अखिलेश सिंह के प्रभावशाली, ध

28 नवम्बर 2025

पोस्ट-रेज़र सिविलाइज़ेशन : ‘ज़िलेट-मैन’ से ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’

पोस्ट-रेज़र सिविलाइज़ेशन : ‘ज़िलेट-मैन’ से ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’

ग़ौर कीजिए, जिन चेहरों पर अब तक चमकदार क्रीम का वादा था, वहीं अब ब्लैक सीरम की विज्ञापन-मुस्कान है। कभी शेविंग-किट का ‘ज़िलेट-मैन’ था, अब है ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’। यह बदलाव सिर्फ़ फ़ैशन नहीं, फ़ेस की फि