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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

02 दिसम्बर 2025

‘धर्मेंद्र : सबसे सरल सिने-अध्याय’

‘धर्मेंद्र : सबसे सरल सिने-अध्याय’

धर्मेंद्र के निधन पर एक व्यापक सामूहिक क्षति का एहसास हमें न्यूज़ चैनल्स पर दिखाई गईं ख़बरों और सोशल मीडिया पर दी गईं श्रद्धांजलियों से हुआ। धर्मेंद्र एक बड़े जनसमूह के नायक थे, जिन्होंने लंबे समय तक

01 दिसम्बर 2025

बिहार चुनाव में जातीय गानों की भूमिका

बिहार चुनाव में जातीय गानों की भूमिका

बीते नवंबर बिहार विधानसभा का चुनावी समर अपने शबाब पर रहा। बिहार की राजनीति हमेशा से पूरे देश में चर्चा का विषय रही है। जिसका प्रमुख कारण बिहार का एक बड़ा सूबा होना है क्योंकि केंद्र का रास्ता बहुत कु

01 दिसम्बर 2025

ऐसे वीडियोज हमारी सामूहिक विफलता का दस्तावेज़ हैं

ऐसे वीडियोज हमारी सामूहिक विफलता का दस्तावेज़ हैं

इधर दो-तीन दिनों से इंस्टाग्राम, X और रेडिट जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोर्न वीडियो की चर्चा है। सामान्य तौर पर ऐसे एमएमएस हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में प्रसारित होते रहते हैं और लोग उन्

30 नवम्बर 2025

गर्ल्स हॉस्टल, राजकुमारी और बालकांड!

गर्ल्स हॉस्टल, राजकुमारी और बालकांड!

मुझे ऐसा लगता है कि दुनिया में जितने भी... अजी! रुकिए अगर आप लड़के हैं तो यह पढ़ना स्किप कर सकते हैं, हो सकता है आपको इस लेख में कुछ भी ख़ास न लगे और आप इससे बिल्कुल भी जुड़ाव महसूस न करें। इसलिए आपक

29 नवम्बर 2025

भूख का भूगोल : अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’ पर कुछ अवलोकन

भूख का भूगोल : अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’ पर कुछ अवलोकन

हाल ही में नई पीढ़ी के कवि, गद्यकार और अनुवादक अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’—समालोचन पर प्रकाशित हुई है। बीते कुछ दिनों में इस कहानी के साथ लगातार रहने का अवसर मिला। अखिलेश सिंह के प्रभावशाली, ध

28 नवम्बर 2025

पोस्ट-रेज़र सिविलाइज़ेशन : ‘ज़िलेट-मैन’ से ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’

पोस्ट-रेज़र सिविलाइज़ेशन : ‘ज़िलेट-मैन’ से ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’

ग़ौर कीजिए, जिन चेहरों पर अब तक चमकदार क्रीम का वादा था, वहीं अब ब्लैक सीरम की विज्ञापन-मुस्कान है। कभी शेविंग-किट का ‘ज़िलेट-मैन’ था, अब है ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’। यह बदलाव सिर्फ़ फ़ैशन नहीं, फ़ेस की फि

28 नवम्बर 2025

कविता के शब्द सत्य का पीछा करते रहते हैं

कविता के शब्द सत्य का पीछा करते रहते हैं

[एक] कवि हृदय का वकील होता है। उसकी वकालत तर्क की झूठी बैसाखियों के सहारे नहीं वरन् सच्चे मनुष्यत्व की नैतिकता और निष्ठा की अदृश्य बहनेवाली अंत:सलिला पर चलती है जिसके होंठों पर सदा इंसानपरस्ती का

27 नवम्बर 2025

गाँव-गिराँव से विश्वविद्यालय की ओर

गाँव-गिराँव से विश्वविद्यालय की ओर

वैकल्पिक प्रश्न पत्र—हबीब तनवीर—की क्लास ख़त्म हुई। कैंटीन में जाकर खाना खाया और 7 नंबर गेट से बाहर आकर, सड़क पार करके 8 नंबर गेट पर आइडेंटिटी कार्ड दिखाते हुए पुन: विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। चार

26 नवम्बर 2025

एशेज : क्रिकेट का इतिहास गढ़ने वाली सीरीज़

एशेज : क्रिकेट का इतिहास गढ़ने वाली सीरीज़

ऑपरेशन सिंदूर का समय था, भारत के आर्म्ड फ़ोर्सेस की तरफ़ से शाम को रोज़ प्रेस कांफ़्रेंस हो रही थी। इसी प्रेस कांफ़्रेंस के क्रम में एक दिन मीडिया से मुख़ातिब होने एयर फोर्स के बी.आर. घई आए। उन्होंने

24 नवम्बर 2025

स्मरण मुक्तिबोध : एक अंतःकथा

स्मरण मुक्तिबोध : एक अंतःकथा

बीते 13 नवंबर मेरे प्रिय कवियों में से एक गजानन माधव मुक्तिबोध की जन्मतिथि थी। इसके उपलक्ष्य में ‘हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग’, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ‘स्मरण मुक्तिबोध’ नाम से [15 नवंबर, 2