Font by Mehr Nastaliq Web

अतीत पर उद्धरण

अतीत का अभिप्राय है

भूतकाल, व्यतीत, बीत चुका समय, जिसका अस्तित्व या सत्ता समाप्त हो चुकी। प्रस्तुत चयन में अतीत के विभिन्न रंगों, धूप-छाया का प्रसंग लेती कविताओं का संकलन किया गया है।

आप कभी भी अतीत के द्वारा भविष्य की योजना नहीं बना सकते।

एडमंड बर्क

अतीत चाहे दु:खद ही क्यों हो, उसकी स्मृतियाँ मधुर होती हैं।

प्रेमचंद

जिस प्रकार अतीत नष्ट होता है उसी प्रकार भविष्य निर्मित होता है।

अल्फ़्रेड नॉर्थ व्हाइटहेड

मुझे अपने अतीत से प्यार है। मुझे अपने वर्तमान से प्यार है। जो मेरे पास था उसमें मुझे शर्म नहीं थी, और मैं इस बात से दुखी नहीं हूँ कि अब वह मेरे पास नहीं है।

कोलेट

हम प्राचीन देशवासियों के पास अपना अतीत है—हम अतीत के प्रति आसक्त रहते हैं। उन, अमेरिकियों का एक सपना है: वे भविष्य के वादे के बारे में उदासी महसूस करते हैं।

अज़र नफ़ीसी

आपको भान होगा कि भविष्य के प्रति हमारा भय ही हमारी अतीत से मुक्ति पाने में बाधा है।

चक पैलनिक

हम अबाध रूप से, कालक्रम से नहीं बढ़ते हैं। हम कभी-कभी असमान रूप से एक पहलू में आगे बढ़ते हैं, दूसरे में नहीं। हम थोड़ा-थोड़ा करके बढ़ते हैं। हम तुलनात्मक रूप से आगे बढ़ते हैं। हम एक क्षेत्र में परिपक्व हैं, दूसरे में बचकाने। अतीत, वर्तमान और भविष्य मिलकर हमें पीछे धकेलते हैं, आगे बढ़ाते हैं या हमें वर्तमान में स्थिर कर देते हैं। हम परतों, कोशिकाओं, ज्योति पुंजों से मिलकर बने हैं।

अनाइस नीन

अतीत आता है—भविष्य, अतीत, भविष्य। यह हमेशा अभी है। यह कभी अभी नहीं है।

सामंथा हार्वे

सवाल सिर्फ़ अतीत को मिटाने का ही है।

रघुवीर चौधरी

प्रत्येक क्षण के पीछे पूरे अतीत का भार है।

रघुवीर चौधरी

जब हम अतीत के बारे में सोचते हैं, तब हम सुंदर चीज़ों को चुनते हैं। हम विश्वास करना चाहते हैं कि सब कुछ ऐसा ही था।

मार्गरेट एटवुड

मैंने ख़ुद को एक कालातीत टैक्सी में अनंतकाल से गुज़रते हुए देखा।

कैथरीन मैंसफ़ील्ड

अतीत कभी मरता नहीं है। वह बीतता भी नहीं है।

विलियम फॉकनर

जब अतीत मर जाता है तो शोक होता है, लेकिन जब भविष्य मर जाता है तो हमारी कल्पनाएँ उसे आगे बढ़ाने के लिए मजबूर हो जाती हैं।

ग्लोरिया स्टाइनम

हृदय के लिए अतीत एक मुक्ति-लोक है जहाँ वह अनेक प्रकार के बंधनों से छूटा रहता है और अपने शुद्ध रूप में विचरता है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

आधुनिकता वह है जिस पर अतीत अपना दावा कर सके।

धूमिल

स्मृति अतीत-विषयक होती है। मति भविष्य-विषयक होती है। बुद्धि वर्तमान विषयक होती है। प्रज्ञा त्रिकाल-विषयक होती है। नवनवोन्मेषशालिनी प्रज्ञा को प्रतिभा कहते हैं।

अभिनवगुप्त

अतीत सुखों के लिए सोच क्यों, अनागत भविष्य के लिए भय क्यों, और वर्तमान को मैं अपने अनुकूल बना ही लूँगा, फिर चिंता किस बात की?

जयशंकर प्रसाद

हमारा भविष्य जैसे कल्पना के परे दूर तक फैला हुआ है, हमारा अतीत भी उसी प्रकार स्मृति के पार तक विस्तृत है।

महादेवी वर्मा

भूतकाल के साँचों को तोड़ डालो परंतु उनकी स्वाभाविक शक्ति और मूल भावना को सुरक्षित रखो, अन्यथा तुम्हारा कोई भविष्य ही नहीं रह जाएगा।

श्री अरविंद

वर्तमान हमें अंधा बनाए रहता है, अतीत बीच-बीच में हमारी आँखें खोलता रहता है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

प्रयोजन के अतीत पदार्थ का ही नाम सौंदर्य है, प्रेम है, भक्ति है, मनुष्यता है।

हजारीप्रसाद द्विवेदी

अतीत के जिस अंश तक प्रमाण की किरणें पहुँच सकती हैं, उसे हम इतिहास की संज्ञा देते हैं। जो जीवन के स्पंदन से रहित इतिवृत्त मात्र है। जो हमारे तर्क की सीमा के पार घटित हो चुका है वह पुराण की सीमा में आबद्ध होकर जीवन की ऐसी गाथा बन जाता है जिसमें इतिवृत्त का सूत्र खोजना कठिन है।

महादेवी वर्मा

आदमी को पूरी निर्ममता से अपने अतीत में किए कार्यों की चीर-फाड़ करनी चाहिए, ताकि वह इतना साहस जुटा सके कि हर दिन थोड़ा-सा जी सके।

निर्मल वर्मा

हे पृथ्वी! तुम आज की नहीं, जन्म से ही चिरंतन सुंदरी हो! तुम मेरी अनन्त शांति की विश्रामस्थली और अतीत की स्वप्नलीला-भूमि हो।

नलिनीबाला देवी

बीता हुआ कल आज की स्मृति है और आने वाला कल आज का स्वप्न।

खलील जिब्रान

हम भूत और भविष्य को देखते हैं और जो नहीं है उसकी कामना करते हैं। हमारा निष्कपट हास्य भी किसी वेदना से युक्त होता है।

शंकर शैलेंद्र

'अतीत का राग' एक बहुत ही प्रबल भाव है। उसकी सत्ता का अस्वीकार किसी दशा में हम नहीं कर सकते...अतीत का और हमारा साहचर्य बहुत पुराना है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

अनंत के सापेक्ष में समय की संज्ञा, काल है तथा देश के सापेक्ष में काल की संज्ञा, समय है।

श्रीनरेश मेहता
  • संबंधित विषय : समय

सच तो यह है कि समय अपने बीतने के लिए किसी की भी स्वीकृति की प्रतीक्षा नहीं करता।

श्रीनरेश मेहता
  • संबंधित विषय : समय

ह्रदय के लिए अतीत एक मुक्ति-लोक है जहाँ वह अनेक प्रकार के बंधनों से छूटा रहता है और अपने शुद्ध रूप में विचरता है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल
  • संबंधित विषय : दिल

जब हम अपने अतीत के बारे में सोचते हैं, तो अविश्वसनीय क़िस्म की हैरानी होती है कि हम ऐसी मूर्खतापूर्ण ग़लतियाँ कैसे कर सकते थे, जिन्हें आज हम इतनी सफ़ाई से देख सकते हैं।

निर्मल वर्मा

भूतकाल हमारा है, हम भूतकाल के नहीं हैं। हम वर्तमान के हैं और भविष्य को बनाने वाले हैं, भविष्य के नहीं।

मोहनदास करमचंद गांधी

अतीत कभी भविष्य के गर्भ से बचकर वर्तमान नहीं रह सका।

मोहन राकेश

दुर्भाग्य अतीत की ख़ुशी से ज़्यादा वास्तविक नहीं है।

होर्खे लुई बोर्खेस

‘अतीत का राग’ एक बहुत ही प्रबल भाव है। उसकी सत्ता का अस्वीकार किसी दशा में हम नहीं कर सकते।अतीत का और हमारा साहचर्य बहुत पुराना है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

अपने अतीत का मनन और मंथन हम भविष्य के लिए संकेत पाने के प्रयोजन से करते हैं। वर्तमान में अपने आपको असमर्थ पाकर भी हम अपने अतीत में अपनी क्षमता का परिचय पाते हैं।

यशपाल

जिन बातों को मनुष्य भूल जाना चाहता है, वही उसे बार-बार क्यों याद आती हैं? क्या मनुष्य का अतीत एक वह भयानक पिशाच है जो उसके भविष्य में वर्तमान का पत्थर बनकर पड़ा रहता है?

रांगेय राघव

अतीत का क्षीण अवशेष ही नवीन का मेरुदंड है। सफ़ेद केशों वाले पुरातन! तुम्हीं भविष्य के शासक हो।

कालिंदीचरण पाणिग्राही