Font by Mehr Nastaliq Web

सौंदर्य पर उद्धरण

सौंदर्य सुंदर होने की

अवस्था या भाव है, जो आनंद और संतोष की अनुभूति प्रदान करता है। सौंदर्य के मानक देश, काल, विषय और प्रसंग में बदलते रहते हैं। प्रस्तुत चयन में उन कविताओं को शामिल किया गया है; जिनमें सुंदरता शब्द, भाव और प्रसंग में प्रमुखता से उपस्थित है।

रूप-विद्या मनुष्य को विषय के सत्य तक पहुँचा देना चाहती है।

अवनींद्रनाथ ठाकुर

जो कला होती है वह सुंदर और सत्य होती है, जो बनावट होती है वह असुंदर और असत्य होती है।

अवनींद्रनाथ ठाकुर

रंग और रूप में अविच्छेद्य संबंध होता है। जहाँ रूप वहाँ रंग, जहाँ रंग वहाँ रूप। यह है प्राकृतिक नियम।

अवनींद्रनाथ ठाकुर

सक्षम सुंदर अभिव्यक्ति तो अविरत साधना और श्रम के फलस्वरूप उत्पन्न होती है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

सौंदर्यबोध की दृष्टि से विचार करने पर भी प्रेम की सार्थकता असंदिग्ध है।

मैनेजर पांडेय

बाहर से हमारे मन में सुंदर जिस मार्ग से आता है, असुंदर भी इसी मार्ग से आता रहता है।

अवनींद्रनाथ ठाकुर

स्त्रियों को बचपन से ही सिखाया जाता है कि सुंदरता उनका छत्र है, इसलिए मन शरीर को आकार देता है और अपने चमकदार पिंजरे में घूमते हुए केवल अपनी जेल को सजाना चाहता है।

मैरी वोलस्टोनक्राफ़्ट

हमारा सारा सौंदर्य जिए हुए और सोचे हुए के बीच के दुखद अंतर्विरोध की छवि है।

ओउज़ अताय

स्त्री को पाकर, स्त्री को समझकर, उसे अपनी बाँहों और आत्मा में महसूस करके ही प्रकृति की गति और प्रकृति की सुंदरता को और प्रकृति के रहस्य को लिया, भोगा और समझा जा सकता है।

राजकमल चौधरी

पृथ्वी अपनी गणना में अद्वितीय है। इसकी सुंदरता को केवल पैदल यात्री ही महसूस कर सकता

रघुवीर चौधरी

जीवन में जो सुंदर है, वह पेंटिंग में ख़राब हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक सुंदरता है। एक अच्छी तस्वीर को जिस तरह से चमकना चाहिए, उसके लिए उसमें कुछ बुरा होना आवश्यक है। उसे अँधेरे की आवश्यकता होती है।

यून फ़ुस्से

सौंदर्य की उपासना हमें कई बार असुंदरता की देहरी पर ला देती है।

अमृतलाल वेगड़

करुणा में एक उदास सौंदर्य की उपलब्धि एक सर्वसाधारण अनुभव है।

कुबेरनाथ राय

चेहरे को चेहरा कहने की अपेक्षा उसे अनंत सौंदर्य का दर्शन कहना सत्य के अधिक निकट होगा।

रघुवीर चौधरी

जीवन के किसी क्षण में दुनिया की सुंदरता पर्याप्त हो जाती है। आपको इसके फ़ोटो लेने, इसे रँगने, या यहाँ तक कि इसे याद रखने की भी ज़रूरत नहीं है। वह स्वयं में पर्याप्त है।

टोनी मॉरिसन

सूरदास की सौंदर्य-चेतना और नैतिक चेतना में कोई अंतराल नहीं है। उनका काव्य, नैतिकता के उपदेश का काव्य नहीं है।

मैनेजर पांडेय

संसार भर में कहाँ है नारी के नेत्र के समान सौंदर्य सिखाने वाला अन्य लेखक?

विलियम शेक्सपियर

जो लोग सौंदर्य के उपभोग में उन्मत्त हैं, उनकी यंत्रणा कैसी है, इसका अनुभव मैं भोजन करने के लिए बैठने पर ही करता हूँ। मेरे जीवन में घोर दुःख यह है कि अन्न-व्यंजन थाली में रखते-रखते ही ठंडे हो जाते हैं। उसी प्रकार सौंदर्य-रूपी मोटे चावल का भात है, प्रेम-रूपी केला के पत्तल पर डालते ही ठंडा हो जाता है—फिर कौन रुचि से उसे खाए? अंत में वेश-भूषा-रूपी इमली की चटनी मिलाकर, ज़रा अदरक-नमक के क़तरे डालकर किसी तरह निगल जाना पड़ता है।

बंकिम चंद्र चटर्जी

तुम्हें मुझे समझना होगा, क्योंकि मैं कोई किताब नहीं हूँ। इसलिए मेरे मरने के बाद मुझे कोई नहीं पढ़ सकता, मुझे जीते जी ही समझना होगा।

ओउज़ अताय

औरत जब लड़की में बदल जाए तो बिल्कुल चुप रहो। थक जाए, चुप हो जाए, तो मर्दों का बनाया सबसे झूठा वाक्य बोलो, आप तो ग़ुस्से में और सुंदर हो जाती हैं।

स्वदेश दीपक

यह सब झूठ था, सब बदबू कर रहा था, झूठ की बदबू, यह सब अर्थ, ख़ुशी और सुंदरता का भ्रम देता था।

हरमन हेस

मौत सुंदरता की जननी है। केवल नाशवान वस्तु सुंदर हो सकती है, इसीलिए हम पर नक़ली फूलों का कोई असर नहीं होता है।

वॉलेस स्टीवंस

ख़ूबसूरत चीज़ें कुछ नहीं बिगाड़तीं।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

देखा; किंतु मुझे उसकी सुंदरता के बारे में बताया गया है। मैं जानती हूँ कि उसकी सुंदरता सदैव ही अधूरी और टूटी-फूटी होती है। वह आसमान पर कभी भी पूर्णाकार में प्रकट नहीं होता। यही बात उन सभी चीज़ों के बारे में सही है जिन्हें हम पृथ्वी वाले जानते हैं। जिस तरह इंद्रधनुष का वृत्त खंडित होता है, उसी तरह जीवन भी अधूरा है और हममें से हरेक के लिए टूटा-फूटा है। हम ब्राउनिंग के इन शब्दों, ‘‘पृथ्वी पर टूटे हुए बिंब, स्वर्ग में एक पूर्ण चंद्र’’ का अर्थ तब तक नहीं समझ सकेंगे, जब तक हम अपने खंड जीवन से अनंत की ओर क़दम नहीं बढ़ा लेते।

हेलेन केलर

अगर आप कहीं जाने की राह पर हैं तो ज़िंदगी ख़ूबसूरत है।

ओरहान पामुक

दो लोगों का प्यार में दुनिया से दूर, अकेले होना, यह सुंदर है।

मिलान कुंदेरा

जब भी आप अपने आस-पास सुंदरता का निर्माण कर रहे होते हैं, आप अपनी आत्मा को बहाल कर रहे होते हैं।

एलिस वॉकर

जो रहस्य से घिरा होता है, वह अधिक सुंदर दिखता है।

रघुवीर चौधरी

दर्पण में उसकी छवि को देख कर एक ख़ूबसूरत महिला पूरी तरह से मान सकती है कि छवि उसकी ही है। एक बदसूरत महिला जानती है कि ऐसा नहीं है।

सिमोन वेल

वह कभी नहीं जान पाएगा कि मैं उससे प्रेम करती हूँ : और यह भी कि ऐसा उसकी ख़ूबसूरती के चलते नहीं है, बल्कि वह मुझसे भी बढ़कर मेरा हिस्सा है। हम दोनों की आत्माएँ जिस भी चीज़ की बनी हों, वे एक हैं।

एमिली ब्रॉण्टे

आप जैसे ही अपनी आँखों से सौंदर्य का आनंद लेते हैं, आपका दिमाग़ आपको बताता है कि सुंदरता खोखली है और सौंदर्य ख़त्म हो जाता है।

वर्जीनिया वुल्फ़
  • संबंधित विषय : आँख

दुनिया में सबसे ख़ूबसूरत चीज़, निस्संदेह, दुनिया ही है।

वॉलेस स्टीवंस

सौंदर्यानुभूति वास्तविक जीवन की मनुष्यता है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

हर स्त्री जानती है कि उसकी अन्य सभी उपलब्धियों के बावजूद, अगर वह सुंदर नहीं है तो वह असफल है।

जेर्मेन ग्रीयर

सौंदर्यानुभूति, मनुष्य की अपने से परे जाने की, व्यक्ति-सत्ता का परिहार कर लेने की, आत्मबद्ध दशा से मुक्त होने की, मूल प्रवृत्ति से संबद्ध है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

जड़ीभूत सौंदर्याभिरुचि एक विशेष शैली को दूसरी शैली के विरुद्ध स्थापित करती है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

आंतरिक सत्यों में हमारी अंधता के कारण कोई अंतर नहीं पड़ता। अधिकतम सौंदर्य-दृष्टि तक केवल कल्पना के द्वारा ही पहुँचा जा सकता है।

हेलेन केलर
  • संबंधित विषय : सच

सुरूप-कुरूप दोनों को मिलाकर सुंदर की अखंड मूर्ति की कल्पना करना कठिन ज़रूर है किंतु मनुष्य के लिए एकदम असंभव है, यह नहीं कहा जा सकता है। भक्त, कवि और आर्टिस्ट—इनके लिए सुंदर-असुंदर जैसी कोई चीज़ है ही नहीं, सभी चीज़ों और भावों में जो वस्तु नित्य है, उसी को वे सुंदर रूप में मानते हैं।

अवनींद्रनाथ ठाकुर

श्रीकृष्ण की संपूर्ण प्रेमलीला का प्रेरक तत्त्व है उनका अलौकिक सौंदर्य।

मैनेजर पांडेय

हमें अपनी असंभव सुंदर योजनाओं पर यक़ीन करना पड़ता है।

डोरिस लेसिंग

मनोहारी वस्तु सुंदर नहीं हो सकती।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

जो देश अथवा जाति; जितनी अधिक परिष्कृत तथा सभ्य होगी, उसकी कला-कृतियाँ उतनी ही अधिक सुंदर और सुष्ठु होंगी।

श्यामसुंदर दास

द्रौपदी जैसा उत्कट, विराट और प्राकृतिक स्त्रीत्व का अविष्कार अन्यत्र मिलना मुश्किल है।

दुर्गा भागवत

इस तंत्र (जो प्रॉपगैंडा को फैलाने में मदद करता है) की ख़ूबसूरती ही यही है कि वह असहमतियों और असुविधाजनक जानकारियों को नियंत्रण में और हाशिए पर रखता है। ताकि उनका होना यह तो तय कर ही दे कि तंत्र अखंड नहीं है, लेकिन ये असहमतियाँ इतनी बड़ी भी हों कि अधिकारिक एजेंडे में कोई मानीख़ेज़ हस्तक्षेप कर सकें।

नोम चोम्स्की

हमारा होना जितना बाधामुक्त और संपूर्ण होगा, हमारी क्रिया भी उतनी ही सुंदर और यथातथ्य, सटीक और सुविन्यस्त हो उठेगी।

रवींद्रनाथ टैगोर

लावण्य जब तमोगुण से जुड़ता है तभी उग्र होता है। तब वह खारा हो जाता है, मीठा नहीं रहता।

कुबेरनाथ राय

सूरदास की सौंदर्य चेतना की विकसित अवस्था, राधा के सौंदर्य-चित्रण में दिखाई पड़ती है।

मैनेजर पांडेय

संसार का चमत्कार यह नहीं है कि यहाँ कष्ट और बाधाएँ हैं, बल्कि इसमें है कि यहाँ व्यवस्था, सौंदर्य, आनंद, कल्याण और प्रेम का वास है।

रवींद्रनाथ टैगोर

अगर कोई सुंदर चीज़ हमेशा के लिए सुंदर रहती, तो मुझे ख़ुशी होती, लेकिन फिर भी मैं उसे ठंडी नज़र से देखता।

हरमन हेस
  • संबंधित विषय : सुख

जो सचमुच में रूपदक्ष होते हैं, उनके आनंद की कोई सीमा नहीं रहती है, आँख, मन सभी के द्वारा वे एक रूप चिरकाल तक नए-नए रूपों में अचरज भरे भाव से देखते जाते हैं।

अवनींद्रनाथ ठाकुर