आज का उद्धरण

कवि कह गया है

विषम समयों में कविता की चुप्पी भी एक चीत्कार की तरह ध्वनित होती रही है। यह चुप्पी केवल कविता की चुप्पी नहीं, एक सामाजिक चेतना की घुटन भरी चीख़ है।

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कुछ फ्रॉड वाक़ई रचनात्मक और अद्भुत होते हैं

 

कुछ फ्रॉड वाक़ई रचनात्मक और अद्भुत होते हैं। लेखिका ली इसराइल का फ्रॉड कुछ ऐसा ही था। ली इसराइल 1970-80 के दशक की एक मशहूर बायोग्राफी राइटर थीं, लेकिन 1990 तक उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। वह ‘राइटर्स

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कविता के शब्द सत्य का पीछा करते रहते हैं

 

[एक] कवि हृदय का वकील होता है। उसकी वकालत तर्क की झूठी बैसाखियों के सहारे नहीं वरन् सच्चे मनुष्यत्व की नैतिकता और निष्ठा की अदृश्य बहनेवाली अंत:सलिला पर चलती है जिसके होंठों पर सदा इंसानपरस्ती का र

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By गोबिंद प्रसाद | 02 जून 2023

मृत्यु के आईने में जीवन कितना कुरूप दिखता होगा

 

मन के गहरे में बस डूब है। ऐसी डूब, जिसमें उत्तरजीविता एक प्रश्न की तरह सतह पर छूट जाए। सतह पर जीवन की संभावना भी गुंजलकों के हुलिए में। डूब का समय अपनी जगह पर नहीं है। चेतना से भटका हुआ बस देह लिए मैट

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By आदर्श भूषण | 01 जून 2023

छंद छंद पर कुमकुम

छंद प्रबंध अनेक विधाना

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