युद्ध पर उद्धरण

युद्ध संघर्ष की चरम

स्थिति है जो एक शांतिहीन अवस्था का संकेत देती है। युद्ध और शांति का लोक, राज और समाज पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। प्रस्तुत चयन में युद्ध और शांति और विभिन्न प्रसंगों में उनके रूपकों के साथ अभिव्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

वीरता जब भागती है, तब उसके पैरों से राजनीतिक छल-छद्म की धूल उड़ती है।

जयशंकर प्रसाद

सेना किसी राष्ट्र के आंतरिक शौर्य का कुल जमा हासिल होती है, उस शौर्य से अपने राष्ट्र को ‘सबक़’ नहीं सिखाया जाता।

रघुवीर सहाय

प्रेम और युद्ध के तरीक़े एक जैसे। जो हारे, वह युद्धबंदी।

स्वदेश दीपक

संपूर्ण संसार कर्मण्य वीरों की चित्रशाला है।

जयशंकर प्रसाद

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