दिल पर गीत

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

आज हृदय स्वच्छंद नहीं है

हरिवंशराय बच्चन

दफ़तन

प्रसून जोशी

हृदय का सौंदर्य

जयशंकर प्रसाद

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