
अपने दिल का कहा मानो, लेकिन अपने दिमाग़ को साथ लेकर चलो।

व्यक्तिगत संपत्ति की शुरुआत उस समय से शुरू हुई जब किसी ने अपना ख़ुद का दिमाग़ रखना शुरू किया।

भाषा मानव मस्तिष्क की वह शस्त्रशाला है जिसमें अतीत की सफलताओं के जयस्मारक और भावी सफलताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह साथ-साथ रहते हैं।