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एहसास पर उद्धरण

पृथ्वी अपनी गणना में अद्वितीय है। इसकी सुंदरता को केवल पैदल यात्री ही महसूस कर सकता

रघुवीर चौधरी

किसी वजह से हम फ़ोटो लेते समय भी मुस्कुराने के लिए बाध्य महसूस करते हैं। हम वहाँ भी ख़ुशी का खेल खेल रहे होते हैं।

ओउज़ अताय
  • संबंधित विषय : खेल

प्रेम की भावना हम सभी को दूसरे व्यक्ति को जानने की भ्रामक मिथ्या धारणा देती है।

मिलान कुंदेरा

कोई व्यक्ति जो करता है, उसमें माहिर हो सकता है; लेकिन वह जो महसूस करता है, उसमें कभी नहीं।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

किसी से प्यार करना मज़बूत एहसास ही नहीं है—यह निर्णय है, यह वादा है।

बेल हुक्स

ख़ुशी का अनुभव करते हुए हमें उसके प्रति चेतन होने में कठिनाई होती है। जब ख़ुशी गुज़र जाती है और हम पीछे मुड़कर उसे देखते और अचानक से महसूस करते हैं—कभी-कभार आश्चर्य के साथ—कितने ख़ुश थे हम।

निकोस कज़ानज़ाकिस

अनिद्रा के रोगी का अंतिम आश्रय सोई हुई दुनिया से श्रेष्ठता की भावना है।

लियोनार्ड कोहेन

मैं ख़ुद को निराशावादी नहीं मानता। मैं निराशावादी व्यक्ति उसे मानता हूँ जो बारिश होने का इंतिज़ार कर रहा है। और मैं पूरी तरह से भीगा हुआ महसूस करता हूँ।

लियोनार्ड कोहेन

स्त्री तो एक मूर्तिमान बलिदान है। वह जब सच्ची भावना से किसी काम का बीड़ा उठाती है तो पहाड़ों को भी हिला देती है।

महात्मा गांधी

प्यार केवल भावना नहीं, क्रिया है।

बेल हुक्स

…मुझे एहसास हुआ है कि प्रकृति के महान नियमों का उल्लंघन प्राणनाशक पाप है। हमें ज़ल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए, हमें अधीर नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें आत्मविश्वास के साथ शाश्वत लय की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

निकोस कज़ानज़ाकिस

दूसरे लोगों के दिलों को महसूस करने के लिए आपके पास दिल होना चाहिए।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर
  • संबंधित विषय : दिल

लोकप्रिय तत्त्व—महसूस करता है, लेकिन वह हमेशा जानता या समझता नहीं। बौद्धिक तत्त्व—जानता और समझता है, लेकिन वह हमेशा महसूस नहीं करता।

अंतोनियो ग्राम्शी

कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता तुम कितने भी सावधान रहे आओ, एक एहसास तुम्हें हमेशा सालता रहेगा कि तुमसे कुछ छूट रहा है। तुम्हारी चमड़ी के ठीक नीचे धड़कता एक एहसास कि तुमने सब कुछ नहीं भोगा है। दिल के भीतर एक डूबता एहसास कि जिन पलों से तुम गुज़रे हो, उन पर और ज़्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए था। सच कहूँ तो इनके आदती हो जाओ, एक रोज़ तुमको तुम्हारी सारी ज़िंदगी यूँ ही महसूस होने वाली है।

चक पैलनिक

हमें बुरे स्वभाव की व्याख्या हीन भावना की निशानी के रूप में करनी चाहिए।

अल्फ़्रेड एडलर

जैसे समुद्र और आकाश के बीच, यात्री और समुद्र के बीच का अंतर बताना मुश्किल है; वैसे ही हक़ीक़त और दिल की भावनाओं के बीच अंतर करना कठिन है।

हारुकी मुराकामी

तुम्हें मुझे समझना होगा, क्योंकि मैं कोई किताब नहीं हूँ। इसलिए मेरे मरने के बाद मुझे कोई नहीं पढ़ सकता, मुझे जीते जी ही समझना होगा।

ओउज़ अताय

दोस्ती में हम दूसरे व्यक्ति की आँखों से देखना, उसके कानों से सुनना और उसके दिल से महसूस करना सीखते हैं।

अल्फ़्रेड एडलर
  • संबंधित विषय : दिल

तुम्हारे अंदर भी एक शैतान है, पर तुम उसका नाम अभी नहीं जानते; और चूँकि तुम यह नहीं जानते, तुम साँस नहीं ले सकते। उसका बपतिस्मा कर दो, मालिक, और तुम बेहतर महसूस करोगे।

निकोस कज़ानज़ाकिस

वह जानता था कि बाल महसूस नहीं कर सकते, उसने उसके बालों को चूमा।

लियोनार्ड कोहेन

इंसान होने का मतलब है—तुच्छ महसूस करना।

अल्फ़्रेड एडलर

आप जानते हैं कि एक महान् लेखक आपको कैसा एहसास देता है : मेरी आत्मा को पोषण और ताज़गी मिली है, उसने कुछ नया खाया है।

कैथरीन मैंसफ़ील्ड

मुझे एहसास है कि मैंने अपना हिस्सा ऐसी जगह छोड़ दिया है, जहाँ मैं शायद कभी वापस नहीं जाऊँगी।

ऐनी एरनॉ

कला सामाजिक अनुपयोगिता की अनुभूति के विरुद्ध अपने को प्रमाणित करने का प्रयत्न अपर्याप्तता के विरुद्ध विद्रोह है।

अज्ञेय

साहित्य और कला की हमारी पूरी परंपरा में, जीव की प्रधान कामना आनंद की अनुभूति है।

लक्ष्मीनारायण मिश्र

तंग मज़हबों में सीमित हो जाओ। राष्ट्रीयता को स्थान दो। भ्रातृत्व, मानवता तथा आध्यात्मिकता को स्थान दो। द्वैत-भावना की मलिन दृष्टि को त्याग दो- तुम भी रहो, मैं भी रहूँ।

किशनचंद 'बेवस'

अपनी व्यक्तिगत सत्ता की अलग भावना से हटाकर निज के योगक्षेम के संबंध से मुक्त करके, जगत की वास्तविक दशाओं में जो हृदय समय-समय पर रमता है, वही सच्चा कवि हृदय है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

हम ध्यान द्वारा शुद्ध और सूक्ष्म हुए मन से परमात्मा के स्वरूप का अनुभव तो कर सकते हैं, किंतु वाणी द्वारा उसका वर्णन नहीं कर सकते, क्योंकि मन के द्वारा ही मानसिक विषय का ग्रहण हो सकता है और ज्ञान के द्वारा ही ज्ञेय को जाना जा सकता है।

वेदव्यास

उसके चेहरे पर कुछ-कुछ वैसा ही करुणाजनक भाव गया था जो हिंदी सिनेमा में ग़ज़ल गाने के पहले हिरोइन के चेहरे पर जाता है।

श्रीलाल शुक्ल

भक्ति का अर्थ है भावपूर्वक अनुकरण।

महात्मा गांधी

कर्म-भावना-प्रधान उत्साह ही सच्चा उत्साह है। फल-भावना-प्रधान उत्साह तो लोभ ही का एक प्रच्छन्न रूप है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

किसी भावोद्रेक द्वारा परिचालित अंतर्वृत्ति जब उस भाव के पोषक स्वरूप गढ़कर या काट-छाँटकर सामने रखने लगती है तब हम उसे सच्ची कवि-कल्पना कह सकते हैं।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

तिलक और माला धारण कर लेने मात्र से हृदय में भक्तिभाव नहीं जाग जाता है। यदि कोई प्रेम के बिना कोरा उपदेश देता है तो वह व्यर्थ ही भौंकता है—अनुभव के बिना बोलना निरुपयोगी है।

संत तुकाराम

जीवन की गहराई की अनुभूति के कुछ क्षण ही होते हैं, वर्ष नहीं। परंतु यह क्षण निरंतरता से रहित होने के कारण कम उपयोगी नहीं कहे जा सकते।

महादेवी वर्मा

भक्ति, धर्म और ज्ञान दोनों की रसात्मक अनुभूति है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

क्या आपने कभी ऐसे लोगों को देखा है, जिन्हें बाद में आप तस्वीर से ज़्यादा एक एहसास की तरह याद करते हैं?

कार्सन मैक्कुलर्स

धर्म की रसात्मक अनुभूति का नाम भक्ति है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

…अपने डरावने एहसास को ताज़ा करने के लिए समय-समय पर घर जाना चाहिए।

कार्सन मैक्कुलर्स
  • संबंधित विषय : घर
    और 1 अन्य

भविष्य उन्हीं उपन्यासों का है जो अनुभूति पर खड़े हों।

प्रेमचंद

भारत में सौंदर्यशास्त्रीय तथा धार्मिक भावनाएँ मूल्य एकीकृत हो गए हैं जिससे वे अनुभूति के उस आयाम तक पहुँचे जिसमें बुद्धि और भाव दोनों चरम उत्कर्ष प्राप्त करते हैं।

राधा कमल मुखर्जी

जो वस्तु हमसे अलग है, हमसे दूर प्रतीत होती हैं, उसकी मूर्ति मन में लाकर उसके सामीप्य का अनुभव करना ही उपासना है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

भावनाओं के अतुलनीय ऐश्वर्य को किसी भी बहुमूल्य भौतिक वस्तु से ख़रीदा नहीं जा सकता है। भावना के बदले वस्तु का सौदा मानवीय दयनीयता का परिचायक है।

विजयदान देथा

आनंद की भावना! तुम कभी-कभी आती हो।

शंकर शैलेंद्र

मौत के विचार से पैदा होने वाले भावों को अनुभवजनित कहकर सामान्य या सांसारिक ज्ञान से उत्पन्न भाव माना जाना चाहिए।

कृष्ण कुमार

संस्कृति हर तरह की भावनाओं, मानसिकता, हर तरह के सुख-दुख, धर्म, जाति—सब का अभिव्यक्त-अव्यक्त रूप है। संस्कृति मेरी नजर में 'More anthropological' है।

यू. आर. अनंतमूर्ति

बुद्धिहीनता कहते हैं उस विक्षिप्तता को जो इस भावा से उत्पन्न होती है कि हम बुद्धिमान हैं।

तिरुवल्लुवर

जो भाव इंद्रियगम्य नहीं है, वहाँ तर्क कभी सफल नहीं होता।

काका कालेलकर

निश्चयपूर्वक तीव्र वेग से जिस वस्तु की भावना की जाती है, पुरुष वही शीघ्र हो जाता है। यह बात कीट-भृगन्याय से समझनी चाहिए।

आदि शंकराचार्य

बार-बार लौटने वाला एहसास वह है, जो दरअस्ल कभी आपसे दूर हुआ ही नहीं था।

साइमन गिलहम

कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि क्या मेरे लेखन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या अन्य लोगों ने भी ऐसा ही किया है या महसूस किया है, या यदि नहीं; तो क्या उनके लिए ऐसी चीज़ों को अनुभव करना सामान्य है।

ऐनी एरनॉ