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भाषा पर कविताएँ

भाषा मानव जाति द्वारा

प्रयुक्त वाचन और लेखन की प्रणाली है जिसका उपयोग वह अपने विचारों, कल्पनाओं और मनोभावों को व्यक्त करने के लिए करता है। किसी भाषा को उसका प्रयोग करने वाली संस्कृति का प्रतिबिंब कहा गया है। प्रस्तुत चयन में कविता में भाषा को एक महत्त्वपूर्ण इकाई के रूप में उपयोग करती कविताओं का संकलन किया गया है।

हिंदी

अनुभव

प्रतिज्ञा

कुशाग्र अद्वैत

दुःख से कैसा छल

ज्याेति शोभा

मैंने सराफ़ से पूछा

सर्गेई येसेनिन

अपनी भाषा में शपथ लेता हूँ

विनोद कुमार शुक्ल

अक्षर

राजेंद्र यादव

उर्दू को उत्तर

बालमुकुंद गुप्त

यथार्थ

सुधीर रंजन सिंह

ज्ञ

प्रकाश

वरिष्ठ कवियो

कृष्ण कल्पित

अगर यह हत्या थी

महेश वर्मा

रोने की भाषा

राकेश कुमार मिश्र

मौन

आरती अबोध

हिंदी

पंकज चतुर्वेदी

खड़ी बोली

अविनाश मिश्र

हिंदी

प्रभात

समय के उलट

अंजुम शर्मा

एक भाषा में

रवि प्रकाश

शब्दों के पार

लनचेनबा मीतै

उस भाषा में

सुतिंदर सिंह नूर

अ-भाषा में

बाबुषा कोहली

लामकाँ है भाषा

नंदकिशोर आचार्य

बहरा

समृद्धि मनचंदा

भानजी के टीथ

अंजुम शर्मा

दूसरा कोना

मनोज कुमार झा

इसलिए बोलो

प्रदीप सैनी

संस्कृत

रघुवीर सहाय

सरकारी हिंदी

पंकज चतुर्वेदी

भाषा का भरोसा

चंद्र प्रकाश देवल

इंटरप्रेटर

अविनाश मिश्र

लय

शहंशाह आलम

हिंदी

आस्तीक वाजपेयी

संपादक

रवि भूषण पाठक

भाषा

आस्तीक वाजपेयी

मालवी

राधावल्लभ त्रिपाठी