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दिल पर कवितांश

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

उनका हृदय तो सदा

उनका साथ देता रहा

मेरे अंतर—

तू क्यों मेरा साथ नहीं देता

तिरुवल्लुवर

आग में चर्बी की तरह

पिघल जाता है जिनका दिल

वे अपने प्रियतम से भला

कभी मान कर सकते हैं?

तिरुवल्लुवर
  • संबंधित विषय : आग

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