1927 - 2017 | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश
समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
कविता में ‘मैं’ की व्याख्या केवल आत्मकेंद्रण या व्यक्तिवाद के अर्थ में करना
उसके बृहतर आशयों और संभावनाओं दोनों को संकुचित करना है।
अगर राजनीति के बाहर भी स्वतंत्रता के कोई मतलब हैं तो हमें उसको एक ऐसी भाषा में भी खोजना, और दृढ़ करना होगा जो राजनीति की भाषा नहीं है।
जीवन-बोध, केवल वस्तुगत नहीं, चेतना-सापेक्ष होता है, और साहित्य की निगाह दोनों पर रहती है।
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
The best way to learn Urdu online
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
A three-day celebration of Urdu