पागलपन पर कविताएँ

पागल और पागलपन के शीर्षक

भाव को ग्रहण कर अभिव्यक्त कविताओं से एक चयन।

मनोरोग

अर्चना लार्क

मुझसे पूछेंगे

रवि प्रकाश

पागल औरत

मंगलेश डबराल

मजनूँ

प्रियंका दुबे

पागल समय

नीलेश रघुवंशी

ऐसी बहीं सनकी आँधियाँ

पद्मजा घोरपड़े

वो पागल

वसीम अकरम

पागल

शीला सिद्धांतकर

एक कोशा हो गई पागल

ध्रुव शुक्ल

पगली

प्रतिभा शतपथी

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए