रंग पर उद्धरण
सृष्टि को राग और रंगों
का खेल कहा गया है। रंग हमारे आस-पास की दुनिया को मोहक और सार्थक बनाते हैं। प्रकृति रंगों से भरी है और इनका मानव जीवन पर सीधा असर पड़ता है; जबकि रंगहीनता को उदासी, मृत्यु, नश्वरता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। यहाँ प्रस्तुत है—रंग और रंगों को विषय बनाने वाली कविताओं के विविध रंग।

रंग और रूप में अविच्छेद्य संबंध होता है। जहाँ रूप वहाँ रंग, जहाँ रंग वहाँ रूप। यह है प्राकृतिक नियम।

त्वचा, हड्डियों और भूरे रंग का पानी—इन तीनों के मेल में, पुरुष और स्त्री के बीच के सारे फ़र्क़ ख़त्म हो जाते हैं।

मौत तारकोल-सी स्याह है, पर रंग रोशनी से भरे होते हैं। एक चित्रकार होने के नाते हरेक को रोशनी की किरणों को साथ लेकर काम करना चाहिए।

कविता के रंग चित्रकला के प्रकृति-रंग नहीं होते।

उसने कहा, ‘वास्तविकता इतनी असहनीय हो गई है, इतनी धूमिल कि अब मैं केवल अपने सपनों के रंगों से ही अभिव्यक्त कर सकती हूँ।

मेरे शब्दों और रंगों की पसंद से यह जानने का प्रयास कीजिए कि मैं कौन हूँ, क्योंकि आपके जैसे चौकस लोग चोर को पकड़ने के लिए पैरों के निशान की जाँच कर सकते हैं।
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जीवन के किसी क्षण में दुनिया की सुंदरता पर्याप्त हो जाती है। आपको इसके फ़ोटो लेने, इसे रँगने, या यहाँ तक कि इसे याद रखने की भी ज़रूरत नहीं है। वह स्वयं में पर्याप्त है।

प्रकृति में हरा रंग एक बात है, साहित्य में हरे का अर्थ अलग होता है।

मैंने तस्वीर में रंग भरे और रंगों में लय के साथ संगीत झंकृत होने लगा। हाँ, मैंने देखा था कि मैंने तस्वीर में रंग ही भरे थे।

अगर मुझे इसे स्वीकार करना चुनना पड़े, तो मेरा लक्ष्य यह है कि मैं वास्तव में जो हूँ उसे स्वीकार कर लूँ। मैं अपने विचारों, अपने रंग-रूप, अपने गुणों, अपनी ख़ामियों पर गर्व कर सकूँ, और इस हमेशा की चिंता को रोक सकूँ कि मैं जैसी हूँ, मुझसे उसी रूप में प्यार नहीं किया जा सकता है।

एक चित्र में जिसे रंग कहते हैं, उसे ही जीवन में उत्साह कहते हैं।

‘‘विवेक तो बदरंग होता है।’’ जबकि जीवन एवं धर्म रंगों से भरे-पूरे होते हैं।

नीले को समझने के लिए पहले तुम्हें पीले और नारंगी को समझना होगा।

इस देश (अमेरिका) में ब्लैक होना और ज़्यादा जागरूक होना और हर समय ग़ुस्से में रहना है।

जब सच्चाई पर नवीनता का रंग चढ़ता है, उस समय मानो सोने की अंगूठी में कोई हीरा जड़ देता है। कला वही है जो नमूने में नई गठन गढ़ दे, परंतु वाणी में भी प्राचीनता का पाठ पढ़ाए।

मैं उसे चित्रित नहीं करता जिसे मैं देखता हूँ, मैं तो उसमें रंग भरता हूँ जिसे मैंने पहले कभी देखा था।

माइकल एंजेलो और रेम्ब्राँ की तरह आम तौर पर मैं रंगों के मुक़ाबले रेखाओं को उठाने और मोड़ने में अधिक दिलचस्पी रखता हूँ।

रंग, कैनवस पर उतरने के बाद एक विलक्षण जीवन जीते हैं।

कुछ रंग अपने अंक में एक दूसरे को समेट लेते हैं, वहीं कुछ सिर्फ़ एक दूसरे से हमेशा बैर-भाव रखते हैं।

अपने ही सुख-दुख के रंग में रंग कर प्रकृति को देखा तो क्या देखा? मनुष्य ही सब कुछ नहीं है। प्रकृति का अपना रूप भी है।

धर्म कोई व्यक्ति नहीं बना सकता, प्रकृति बनाती है धर्म और प्रकृति के कर्म को जो तोड़ता है, वह अनाचारी है, वस्त्र उसके चाहे किसी रंग में रंगे हों।

जिस प्रकार हर रंग और रेखा चित्र नहीं है, हर ध्वनि संगीत नहीं है, शरीर की हर भाव-भंगिमा नृत्य नहीं है, वस्तु की हर आकृति शिल्प नहीं है, हर शब्द साहित्य नहीं है—उसी प्रकार हर ध्वनि, हर मुद्रा, हर रंग व रेखा और हर आकृति से प्राप्त होने वाला आनन्द कला का आनन्द नहीं है।

कवि का वेदांत-ज्ञान, जब अनुभूतियों से रूप, कल्पना से रंग और भावजगत से सौंदर्य पाकर साकार होता है, तब उसके सत्य में जीवन का स्पंदन रहेगा, बुद्धि की तर्क-श्रृंखला नहीं। ऐसी स्थिति में उसका पूर्ण परिचय न अद्वैत दे सकेगा और न विशिष्टाद्वैत।

रूपदक्षता की चरम सीमा तो वही है, जहाँ रचना का रूप, रंग सब कुछ रूपदक्षको भुला दे, सिर्फ़ उसके द्वारा प्रद्त्त रूप-माधुरी मन को परिपूर्ण कर दे।

एक रंग होता है नीला और एक वह जो तेरी देह पर नीला होता है।

आसमान का कोई रंग नहीं, उसका नीलापन फ़रेब है। बेवकूफ़ लोग बेवकूफ़ बनाने के लिए बेवकूफ़ों के ख़िलाफ़ बेवकूफ़ी करते हैं।

सचराचर विश्व में हम सभी लोग आकाश को नीला कहते रहते हैं, किंतु, इतने ही ज्ञान से रंग लगाने वाले का काम नहीं चलता है।

यदि कोई पति प्रेम के बिना केवल प्रिय वचन बोलकर ही स्त्रियों को मनाता है तो उसकी बातें उनके हृदय में उसी प्रकार नहीं जँचती हैं, जैसे कृत्रिम रंग से रंगी मणि उसके पारखी के हृदय को।

रूप के बंधन को छिन्न करने वाला जो रंग होता है, सिर्फ़ वही अरूप का कुछ आभास दे सकता है, जैसे आकाश का गहरा नीला रंग, रंगीन कपड़े का निथरा हुआ रंग, किंतु ये सब छवि नहीं, भावों के वाहक मात्र होते हैं।

हे साक़ी (परमात्मा)! मुझे हरे रंग का मधुपात्र दे, जिससे कि वह मेरे लिए युद्धकाल में कार्योपयोगी सिद्धिप्रद हो। तू मुझे वह दे जिससे कि मैं अपने हृदय को ताज़ा कर लूँ और कीचड़ में सने मोती को कीचड़ से निकालने में समर्थ बनूँ।

कंजूसी काला रंग है जिस पर दूसरा कोई रंग, चाहे कितना ही चटख क्यों न हो, नहीं चढ़ सकता।

कविता के रंग चित्रकला के प्रकृति-रंग नहीं होते।

किसी भी वस्तु से उसकी आकृति व उसके रंग को तत्वतः भिन्न नहीं किया जा सकता।


पिछले चालीस सालों में मैं इस रहस्य को जान पाया कि काला रंग सभी रंगों रानी है।

ऐसे रंग हैं जो एक-दूसरे को बहुत ही ख़ूबसूरती से उभारते हैं, जो एक पुरुष और स्त्री की जोड़ी की तरह एक दूसरे को पूरा करते हैं।

रंगों से ऐसी ऊर्जा मिलती है जो किसी जादू-टोने में हो सकती है।

जब मैं हरा रंग लगाता हूँ, तो वह घास नहीं होती। जब मैं नीला रंग लगाता हूँ, तो वह आकाश नहीं होता।

हर दिन का ब्योरा रखो, अपनी सुबह की तारीख़ को उम्मीद के रंग से भरो।
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