
उसने कहा, ‘वास्तविकता इतनी असहनीय हो गई है, इतनी धूमिल कि अब मैं केवल अपने सपनों के रंगों से ही अभिव्यक्त कर सकती हूँ।

अत्यधिक संवेदनशीलता हीन भावना की अभिव्यक्ति है।
-
संबंधित विषय : संवेदनशीलता