Font by Mehr Nastaliq Web

सिनेमा पर बेला

सिनेमा ऐसा कला-रूप है

जहाँ साहित्य, संगीत, अभिनय, नृत्य जैसे कलासिक कला-रूपों के साथ ही फ़ोटोग्राफी, एनीमेशन, डिजिटल एडिटिंग, ग्राफ़िक्स जैसे अन्य आधुनिक कला-रूप प्रतिबिंबित होते हैं। आधुनिक समाज और सिनेमा का अनन्य संबंध देखा जाता है, जहाँ दोनों एक-दूसरे की प्रवृत्तियों का अनुकरण करते नज़र आते हैं। इस चयन में सिनेमा विषयक कविताओं का संकलन किया गया है।

21 अप्रैल 2025

‘अजब तोरी दुनिया हो मोरे रामा...’

‘अजब तोरी दुनिया हो मोरे रामा...’

बरस 1947 है,  तारीख़ 14 अगस्त,  दिन गुरुवार,  रात का समय। जब जवाहरलाल नेहरू अपना चुस्त पजामा और शेरवानी पहन रहे थे, स

02 अप्रैल 2025

'दुपहिया' की डायरेक्टर सोनम नायर से बातचीत

'दुपहिया' की डायरेक्टर सोनम नायर से बातचीत

गए दिनों अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई एक वेब सीरीज़—‘दुपहिया’। सोशल मीडिया में इस सीरीज़ को लेकर ख़ासी चर्चा हो रही

16 मार्च 2025

रविवासरीय : 3.0 : कभी-कभी लगता है कि गोविंदा भी कवि है

रविवासरीय : 3.0 : कभी-कभी लगता है कि गोविंदा भी कवि है

• यहाँ प्रस्तुत मज़मून लगभग चार वर्ष पुराना है, लेकिन इसके नायक से संबंधित समाचार रोज़-रोज़ कुछ इस क़दर आते हैं कि यह रोज़-रो

15 फरवरी 2025

‘द गर्ल विथ द नीडल’ : महायुद्धों के बाद के महायुद्ध!

‘द गर्ल विथ द नीडल’ : महायुद्धों के बाद के महायुद्ध!

स्वीडिश-पॉलिश फ़िल्म डायरेक्टर मैग्नस वॉन हॉर्न अपनी फ़िल्मों के माध्यम से ‘अपराध’ एवं उससे जुड़ी ‘मनोदशा’ को बारीक़ी से

23 जनवरी 2025

उम्मीद का चक्र जब पूरा होता है, तब ज़िंदगी कहाँ होती है!

उम्मीद का चक्र जब पूरा होता है, तब ज़िंदगी कहाँ होती है!

सुंदरता की अपने तहें होती हैं। बहुत मुलायम और क्रूर भी। मन हमेशा इतना ही अनजान रहता है कि वह परतों के इस जमावड़े को भूल

23 जनवरी 2025

इस बार 13 शहरों में अपनी रंगत बिखेरेगा ‘भारंगम’

इस बार 13 शहरों में अपनी रंगत बिखेरेगा ‘भारंगम’

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाने वाला विश्व प्रसिद्ध भारत रंग महोत्सव इस वर्ष भी

22 जनवरी 2025

एक मुसलमान का ‘पाताल लोक’

एक मुसलमान का ‘पाताल लोक’

‘पाताल लोक’ का दूसरा सीज़न पूरा देखा और इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी की ‘हाथी’ जैसी अदाकारी के आगे सारे अदाकार फीके पड़ गए।

21 जनवरी 2025

भारतीय समाज का गुड गर्ल सिंड्रोम

भारतीय समाज का गुड गर्ल सिंड्रोम

भारतीय समाज में लड़कियों की परवरिश एक जटिल प्रक्रिया है—संरक्षण और स्वतंत्रता के बीच का एक सूक्ष्म संतुलन। वे शिक्षा और

02 जनवरी 2025

‘द लंचबॉक्स’ : अनिश्चित काल के लिए स्थगित इच्छाओं से भरा जीवन

‘द लंचबॉक्स’ : अनिश्चित काल के लिए स्थगित इच्छाओं से भरा जीवन

जीवन देर से शुरू होता है—शायद समय लगाकर उपजे शोक के गहरे कहीं बहुत नीचे धँसने के बाद। जब सुख सरसराहट के साथ गुज़र जाए तो

27 दिसम्बर 2024

‘अभिमान’ और रोमांटिसाइजेशन की दिक़्क़त

‘अभिमान’ और रोमांटिसाइजेशन की दिक़्क़त

कुछ दिन पहले ‘अभिमान’ (1973) देखी। गाने अच्छे हैं। कहानी इस प्रकार है : एक बड़ा गायक है। अपने व्यावसायिक शिखर के समय

24 दिसम्बर 2024

श्याम बेनेगल : ग़ैर-समझौतापरस्त रचनात्मक मिशन का सबसे भरोसेमंद और बुलंद स्मारक

श्याम बेनेगल : ग़ैर-समझौतापरस्त रचनात्मक मिशन का सबसे भरोसेमंद और बुलंद स्मारक

अस्सी के दशक की ढलान पर तेज़ी से लुढ़क रहे एक असंस्कृत समय में टीवी पर ‘भारत एक खोज’ शीर्षक धारावाहिक के अथ और इति का पा

08 नवम्बर 2024

गिफ़्टेड : एक जीनियस बच्ची के बचपन को बचाने की कहानी

गिफ़्टेड : एक जीनियस बच्ची के बचपन को बचाने की कहानी

अपनी माँ की भाषा में कहूँ तो गिफ़्टेड एक मामा और भांजी के एक आत्मीय रिश्ते पर आधारित एक फ़िल्म है। मामा यानी माँ का भाई,

19 अक्तूबर 2024

CTRL :  एक बेमेल दुनिया की सच्चाई, जहाँ से बचना लगभग असंभव है

CTRL : एक बेमेल दुनिया की सच्चाई, जहाँ से बचना लगभग असंभव है

कभी-कभी सोचती हूँ कि यह आभासी दुनिया भी कितनी उकताऊ हो चुकी है। कुछ भी आभासी देखने या सुनने का मन नहीं होता। जब मैंने ने

05 अक्तूबर 2024

ईमानदार CA से मेल एस्कॉर्ट तक का सफ़र

ईमानदार CA से मेल एस्कॉर्ट तक का सफ़र

संघर्ष, विद्रोह और समाजवाद की सिनेमाई यात्रा : नेटफ़्लिक्स सीरीज़ त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर आधुनिक भारतीय मनोरंजन की भ

29 सितम्बर 2024

एंग्री यंग मैन : सलीम-जावेद की ज़िंदगी के अनछुए अध्याय

एंग्री यंग मैन : सलीम-जावेद की ज़िंदगी के अनछुए अध्याय

नम्रता राव द्वारा निर्देशित अमेज़न प्राइम डाक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘एंग्री यंग मैन’ मशहूर पटकथा लेखक जोड़ी—सलीम ख़ान और जावे

22 सितम्बर 2024

सेक्टर 36 : शहरों की नहीं दिखने वाली ख़ौफ़-भरी घटनाओं का रियलिस्टिक थ्रिलर

22 सितम्बर 2024

सेक्टर 36 : शहरों की नहीं दिखने वाली ख़ौफ़-भरी घटनाओं का रियलिस्टिक थ्रिलर

कभी-कभी सिनेमा देखने वालों को भी तलब होती है कि ऐसा कोई सिनेमा देखें जो उनके भीतर पनप रहे कोलाहल या एंग्जायटी को ऐसी ख़ुर

25 अगस्त 2024

वेयर इज़ द फ़्रेंड्स हाउस? : जीवन की सबसे बड़ी सच्चाइयाँ सबसे सरल क्षणों में छिपी होती हैं

वेयर इज़ द फ़्रेंड्स हाउस? : जीवन की सबसे बड़ी सच्चाइयाँ सबसे सरल क्षणों में छिपी होती हैं

ईरानी सिनेमा के महान् शिल्पी अब्बास कियारोस्तमी एक ऐसे सिनेकार (जो चित्रकार बनना चाहते थे) थे, जिन्होंने फ़िल्म के कैनवा

15 अगस्त 2024

आज के दिन भूलकर भी न देखें ये फ़िल्में

आज के दिन भूलकर भी न देखें ये फ़िल्में

इन पंक्तियों के लेखक के एक प्राचीन आलेख (कभी-कभी लगता है कि गोविंदा भी कवि है) के शीर्षक की तरह ही यहाँ प्रस्तुत आलेख का

13 अगस्त 2024

मुंबई के आराम नगर में शुरू होगी एक महीने की एक्टिंग वर्कशॉप, जुड़िए

मुंबई के आराम नगर में शुरू होगी एक महीने की एक्टिंग वर्कशॉप, जुड़िए

मनोरमा थिएटर—मुंबई के आराम नगर में, एक अभिनय कार्यशाला (Acting Workshop) करने जा रही है। इस एक्टिंग वर्कशॉप की अवधि लगभग

08 अगस्त 2024

सिद्धेश्वरी : मौन और ध्वनि की एक सिम्फ़नी

सिद्धेश्वरी : मौन और ध्वनि की एक सिम्फ़नी

मणि कौल की फ़िल्म ‘सिद्धेश्वरी’ 1989 में बनी एक डॉक्यूमेंट्री है, जो प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका सिद्धेश्वरी दे

21 जुलाई 2024

बेला तार की ‘द ट्यूरिन हॉर्स’ देखते हुए

बेला तार की ‘द ट्यूरिन हॉर्स’ देखते हुए

...सर्वाधिक तुच्छ और साधारण जीवन में भी एक अपार महानता निहित होती है। ‘द ट्यूरिन हॉर्स’—मात्र एक फ़िल्म नहीं है; यह एक ग

14 जुलाई 2024

गोदार के बारे में दो-एक बातें

गोदार के बारे में दो-एक बातें

यह लेख सत्यजीत रे द्वारा सिनेमा पर लिखे गए लेखों के—संदीप रे द्वारा संपादित—संग्रह ‘डीप फ़ोकस : रिफ़्लेक्शंस ऑन सिनेमा’

13 जुलाई 2024

सत्यजीत रे और उनके स्वाद का संसार

सत्यजीत रे और उनके स्वाद का संसार

सत्यजीत रे की सबसे उल्लेखनीय आदतों में से एक—भोजन की संस्कृति पर उनका विशेष ध्यान था। रे को भोजन, विशेष रूप से बंगाली व्

01 जून 2024

रिचर्ड एटनबरो की ‘गांधी’ और दूसरे प्रसंग

रिचर्ड एटनबरो की ‘गांधी’ और दूसरे प्रसंग

‘‘महानतम कृत्य अपनी चमक खो देते हैं, अगर उन्हें शब्दों में न बाँधा जाए। क्या तुम स्वयं को ऐसा उद्यम करने के योग्य समझते

14 मई 2024

‘लापता लेडीज़’ देखते हुए

‘लापता लेडीज़’ देखते हुए

‘लापता लेडीज़’ देखते हुए मेरे अंदर संकेतों और प्रतीकों की पहचान करने वाली शख़्सियत को कुछ वैसा ही महसूस हुआ जो कोड्स की स

23 अप्रैल 2024

'झीनी बीनी चदरिया' का बनारस

'झीनी बीनी चदरिया' का बनारस

एक शहर में कितने शहर होते हैं, और उन कितने शहरों की कितनी कहानियाँ? वाराणसी, बनारस या काशी की लोकप्रिय छवि विश्वनाथ मंदि

10 अप्रैल 2024

सिफ़्सी लेकर आ रहा है देश-विदेश की 150 फ़िल्में

सिफ़्सी लेकर आ रहा है देश-विदेश की 150 फ़िल्में

स्माइल फ़ाउंडेशन—यूरोपीय संघ (भारत में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधिमंडल) के साथ साझेदारी में बच्चों और नौजवानों के लिए वार्षि