Font by Mehr Nastaliq Web

महात्मा गांधी पर बेला

महात्मा गांधी आधुनिक

भारतीय इतिहास के उन प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक हैं जिन्होंने न केवल समकालीन राष्ट्रीय युगबोध को आकार प्रदान किया बल्कि भविष्य की प्रेरणा की ज़मीन को भी उर्वर बनाया। इस चयन में गांधी और गांधी-दर्शन को आधार बना व्यक्त हुई अभिव्यक्तियों का संकलन किया गया है।

02 अक्तूबर 2025

स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी

स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी

गांधी-जयंती आ रही है। बचपन में हमारे पाठ्यक्रम का बड़ा अहम हिस्सा रहे हैं बापू। स्कूल में गाय-भैंस, सहेला-सहेली, माता-पिता, नानी-दादी के घर पर बिताई छुट्टियाँ, रेलगाड़ी का सफ़र, बसंत-बरसात आदि की तरह

02 अक्तूबर 2024

हे राम : दास्तान-ए-क़त्ल-ए-गांधी

हे राम : दास्तान-ए-क़त्ल-ए-गांधी

जिससे उम्मीदें-ज़ीस्त थी बाँधी ले उड़ी उसको मौत की आँधी गालियाँ खाके गोलियाँ खाके मर गए उफ़्फ़! महात्मा गांधी! — रईस अमरोहवी  एक दिल्ली में वह मावठ का दिन था। 30 जनवरी 1948 को दुपहर तीन बज

22 जुलाई 2024

राग गांधी मल्हार वाया तीस जनवरी मार्ग

राग गांधी मल्हार वाया तीस जनवरी मार्ग

वह मुख—अरे, वह मुख, वे गांधी जी!! — मुक्तिबोध दुर्घटनाग्रस्त सड़कों, जननायक-रिहाई-केंद्रित धरना-प्रदर्शनों के बीच (कु)भाषणों और पाँच वर्षों में एक बार आने वाले लोकतंत्र के महापर्व की उत्सवधर्मि

01 जून 2024

रिचर्ड एटनबरो की ‘गांधी’ और दूसरे प्रसंग

रिचर्ड एटनबरो की ‘गांधी’ और दूसरे प्रसंग

‘‘महानतम कृत्य अपनी चमक खो देते हैं, अगर उन्हें शब्दों में न बाँधा जाए। क्या तुम स्वयं को ऐसा उद्यम करने के योग्य समझते हो, जो हम दोनों को अमर बना दे।’’ संसारप्रसिद्ध कहानीकार होर्हे लुई बोर्हेस की इ