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कलाकार पर बेला

03 सितम्बर 2024

कलाकारों के जीवन की मार्मिक कहानी

कलाकारों के जीवन की मार्मिक कहानी

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

28 अगस्त 2024

राजेंद्र यादव का साहित्य लोग भूल जाएँगे, उन्हें नहीं

राजेंद्र यादव का साहित्य लोग भूल जाएँगे, उन्हें नहीं

उम्र के जिस पड़ाव पर ढेर सारे लोगों के आध्यात्मिक होते जाने के क़िस्से सुनाई देने लगते हैं, जीवन के उसी मक़ाम पर राजेंद्र यादव के प्रेम-संबंधों की अफ़वाहें लोग चटकारे लेकर एक-दूसरे से सुन-सुना रहे थे।

27 अगस्त 2024

‘समुद्र मंथन’ में नज़र आया चित्तरंजन त्रिपाठी का निर्देशकीय कौशल

‘समुद्र मंथन’ में नज़र आया चित्तरंजन त्रिपाठी का निर्देशकीय कौशल

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

22 अगस्त 2024

एनएसडी रंगमंडल मना रहा है अपनी हीरक जयंती, होने जा रहे हैं एक से बढ़कर एक नाटक

एनएसडी रंगमंडल मना रहा है अपनी हीरक जयंती, होने जा रहे हैं एक से बढ़कर एक नाटक

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School Of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 तक हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह कई मायनों में विशेष है। एनएसडी रंगमंडल की स्थापना

13 अगस्त 2024

मुंबई के आराम नगर में शुरू होगी एक महीने की एक्टिंग वर्कशॉप, जुड़िए

मुंबई के आराम नगर में शुरू होगी एक महीने की एक्टिंग वर्कशॉप, जुड़िए

मनोरमा थिएटर—मुंबई के आराम नगर में, एक अभिनय कार्यशाला (Acting Workshop) करने जा रही है। इस एक्टिंग वर्कशॉप की अवधि लगभग 30 दिनों की होगी। एक्टिंग स्किल्स पर फ़ोकस इस कार्यशाला के साथ-साथ, एक नाटक भी

10 अगस्त 2024

मनोहर श्याम जोशी स्मृति व्याख्यानमाला में यह कहा अशोक वाजपेयी ने

मनोहर श्याम जोशी स्मृति व्याख्यानमाला में यह कहा अशोक वाजपेयी ने

8 अगस्त 2024 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में मनोहर श्याम जोशी स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। हिंदी के सुप्रसिद्ध लेखक मनोहर श्याम जोशी की जयंती की पूर्व-संध्या पर यह आयोजन जानकीपुल

08 अगस्त 2024

सिद्धेश्वरी : मौन और ध्वनि की एक सिम्फ़नी

सिद्धेश्वरी : मौन और ध्वनि की एक सिम्फ़नी

मणि कौल की फ़िल्म ‘सिद्धेश्वरी’ 1989 में बनी एक डॉक्यूमेंट्री है, जो प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका सिद्धेश्वरी देवी के जीवन और कला पर आधारित है। सिद्धेश्वरी देवी भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक म

31 जुलाई 2024

हिन्दवी उत्सव के बहाने दुःख ने दुःख से बात की...

हिन्दवी उत्सव के बहाने दुःख ने दुःख से बात की...

‘हिन्दवी’ ने बीते दिनों अपने चार वर्ष पूरे किए। अच्छे-बुरे से परे ‘हिन्दवी’ कभी चर्चा से बाहर नहीं रहा। ‘हिन्दवी’—‘रेख़्ता फ़ाउंडेशन’ का ही उपक्रम है। ‘जश्न-ए-रेख़्ता’ में ख़ूब भीड़ होती है। सवाल यह

31 जुलाई 2024

प्रेमचंदजी के साथ दो दिन

प्रेमचंदजी के साथ दो दिन

“आप आ रहे हैं, बड़ी ख़ुशी हुई। अवश्य आइए। आपसे न-जाने कितनी बातें करनी हैं। मेरे मकान का पता है— बेनिया-बाग़ में तालाब के किनारे लाल मकान। किसी इक्केवाले से कहिए, वह आपको बेनिया-पार्क पहुँचा देगा

28 जुलाई 2024

‘हिन्दवी उत्सव’ 2024 : आप सादर आमंत्रित हैं

‘हिन्दवी उत्सव’ 2024 : आप सादर आमंत्रित हैं

हिंदी साहित्य को समर्पित रेख़्ता फ़ाउंडेशन के उपक्रम ‘हिन्दवी’ की चौथी वर्षगाँठ के मौक़े पर आज—28 जुलाई 2024 के रोज़, त्रिवेणी कला संगम, मंडी हाउस, नई दिल्ली में ‘हिन्दवी उत्सव’ आयोजित किया जा रहा है

26 जुलाई 2024

शशिभूषण द्विवेदी के नाम : बारह कथाकारों, दो कवियों और एक आलोचक के पत्र

शशिभूषण द्विवेदी के नाम : बारह कथाकारों, दो कवियों और एक आलोचक के पत्र

आज शशिभूषण द्विवेदी [26 जुलाई 1975—7 मई 2020] की जन्मतिथि है। वह आज सदेह होते, तब आज उनका पचासवाँ वर्ष लग जाता। एक रचनाकार रचना के लिए एक कंदरा का निर्माण करता है। इस कंदरा में वह संसार से थक-भागकर छ

23 जुलाई 2024

तौमानी डिबाटे की याद में

तौमानी डिबाटे की याद में

ब्रिटिश लेखक और बायोलॉजिस्ट रिचर्ड डॉकिंस (Richard Dawkins) ने एकबारगी कहा था कि वी ऑल आर अफ़्रीकंस। इस कथन के पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं। कभी अमेरिका के कुछ लोग एजेंडा चलाते थे कि जैज़ औ

21 जुलाई 2024

बेला तार की ‘द ट्यूरिन हॉर्स’ देखते हुए

बेला तार की ‘द ट्यूरिन हॉर्स’ देखते हुए

...सर्वाधिक तुच्छ और साधारण जीवन में भी एक अपार महानता निहित होती है। ‘द ट्यूरिन हॉर्स’—मात्र एक फ़िल्म नहीं है; यह एक गहन अनुभूति है। एक आध्यात्मिक यात्रा है। यह फ़िल्म हमें आमंत्रित करती है कि हम अ

14 जुलाई 2024

गोदार के बारे में दो-एक बातें

गोदार के बारे में दो-एक बातें

यह लेख सत्यजीत रे द्वारा सिनेमा पर लिखे गए लेखों के—संदीप रे द्वारा संपादित—संग्रह ‘डीप फ़ोकस : रिफ़्लेक्शंस ऑन सिनेमा’ से लिया गया है। इस लेख में वह फ़्रांसीसी फ़िल्म निर्देशक ज्याँ-लुक गोदार (Jean-

13 जुलाई 2024

सत्यजीत रे और उनके स्वाद का संसार

सत्यजीत रे और उनके स्वाद का संसार

सत्यजीत रे की सबसे उल्लेखनीय आदतों में से एक—भोजन की संस्कृति पर उनका विशेष ध्यान था। रे को भोजन, विशेष रूप से बंगाली व्यंजनों के प्रति उनके प्यार के लिए भी जाना जाता था।  वह बढ़िया भोजन के पारखी

12 जुलाई 2024

लिखना, सुई से कुआँ खोदना है

लिखना, सुई से कुआँ खोदना है

मेरे लिए, एक लेखक होने का मतलब है किसी व्यक्ति के अंदर छिपे दूसरे व्यक्ति की खोज करना; और उस दुनिया की भी जो वर्षों तक धैर्यपूर्वक काम करके उस व्यक्ति को बनाती है। जब मैं लेखन की बात करता हूँ, तो

06 जुलाई 2024

'मैं एक सतत अलक्षित अवाँगार्द हूँ'

'मैं एक सतत अलक्षित अवाँगार्द हूँ'

सुख्यात कवि-कथाकार देवी प्रसाद मिश्र की किताब मनुष्य होने के संस्मरण हाल के दिनों में चर्चा में रही है। इस पुस्तक की अन्य कथाओं पर यहाँ उनसे एक बातचीत की है—सरबजीत गरचा ने जो अँग्रेज़ी भाषा के जाने-म

27 जून 2024

जौनपुर भड़ैंती उर्फ़ नक़ल : एक ख़त्म होती नाट्य-विधा

जौनपुर भड़ैंती उर्फ़ नक़ल : एक ख़त्म होती नाट्य-विधा

कुछ वर्ष पूर्व तक पूर्वांचल के देहातों-क़स्बों-शहरों की दीवारों पर हिंदुस्तानी, अवधी या भोजपुरी में लिखे सूचना-पट्ट इस तरह के होते थे—कल्लू नक़्क़ाल, बिस्मिल्लाह भाँड, रमपत हरामी मंडली इत्यादि...  कि

18 मई 2024

सलमान रश्दी की नई किताब में चाक़ू की कुछ बातें

सलमान रश्दी की नई किताब में चाक़ू की कुछ बातें

उन सुनसान निद्राविहीन रातों में मैंने एक विचार के रूप में चाक़ू के बारे में बहुत सोचा। चाक़ू एक औज़ार था, और उसके प्रयोग से निकलता हुआ एक अर्जित अर्थ भी।  भाषा भी तो एक चाक़ू थी। यह दुनिया को चाक कर स

02 मई 2024

शुरू हो गई बच्चों के लिए ‘विहान’ की थिएटर वर्कशॉप

शुरू हो गई बच्चों के लिए ‘विहान’ की थिएटर वर्कशॉप

बच्चों के साथ विहान ड्रामा वर्क्स, भोपाल की विशेष नाट्य कार्यशाला शुरू हो चुकी है। यह नाटक कार्यशाला 01 मई 2024 से 26 मई 2024 तक चलेगी तथा इस दौरान बच्चों के साथ मिलकर नाटक ‘पीली पूँछ’ तैयार किया जाए

17 अप्रैल 2024

सौ बार मंच पर उतर चुकी एक कविता के बारे में

सौ बार मंच पर उतर चुकी एक कविता के बारे में

एक भाषा में कालजयी महत्त्व प्राप्त कर चुकीं साहित्यिक कृतियों के पुनर्पाठ के लिए केवल समालोचना पर निर्भर रहना एक तरह की अकर्मठता और पिछड़ेपन का प्रतीक है। यह निर्भरता तब और भी अनावश्यक है जब आलोचना-पद

10 अप्रैल 2024

सिफ़्सी लेकर आ रहा है देश-विदेश की 150 फ़िल्में

सिफ़्सी लेकर आ रहा है देश-विदेश की 150 फ़िल्में

स्माइल फ़ाउंडेशन—यूरोपीय संघ (भारत में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधिमंडल) के साथ साझेदारी में बच्चों और नौजवानों के लिए वार्षिक स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (सिफ्सी) के 10वें संस्करण की मेज़बानी करेगा। स

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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