Font by Mehr Nastaliq Web

इस बार 13 शहरों में अपनी रंगत बिखेरेगा ‘भारंगम’

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाने वाला विश्व प्रसिद्ध भारत रंग महोत्सव इस वर्ष भी कई रंगमंच की नई पहलों-गतिविधियों के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है। ‘भारंगम’ के नाम से लोकप्रिय इस महोत्सव को दुनिया के सबसे बड़े थिएटर उत्सव के रूप में भी पहचाना जाता है। महाकुंभ के इस वर्ष में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) अपने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव—भारत रंग महोत्सव (बीआरएम)—के 25वें वर्ष को पूरा कर रहा है।

‘वसुधैव कुटुम्बकम, वंदे भारंगम’ की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए एनएसडी इस बार के आयोजन में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से इस महोत्सव की पहुँच को और व्यापक बना रहा है। 28 जनवरी से 16 फ़रवरी 2025 के बीच होने वाले इस आयोजन की गतिविधियों का आनंद न केवल भारत के कलाकार और कला प्रेमी ले सकेंगे बल्कि यह मनोरंजन इस बार काठमांडू (नेपाल) और कोलंबो (श्रीलंका) तक भी पहुँचेगा। ‘भारंगम’ रंगमंच के महाकुंभ को भारत, नेपाल और श्रीलंका के 13 शहरों में तक लेकर जाएगा। 

‘एक रंग : श्रेष्ठ रंग’— को भारत रंग महोत्सव 2025 का विषय बनाया चुना गया है। यह नारा रचनात्मक अभिव्यक्ति में एकता और विविधता में एकता के भाव को दर्शाता है। इसी इमोशन को आगे बढ़ाते हुए एक्टर और एनएसडी के पूर्व छात्र राजपाल यादव को इस वर्ष के लिए रंग दूत (महोत्सव राजदूत) के रूप में चुना गया है।

इस अवसर विशेष पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने कहा : “भारत रंग महोत्सव अपनी व्यापक दृष्टि के साथ विश्व मंच पर एक अग्रणी रंगमंच महोत्सव के रूप में उभरा है। इसने न केवल दुनिया भर के नाट्य प्रदर्शनों को एक मंच प्रदान किया है, बल्कि विविध पारंपरिक कलाओं के संमिश्रण को भी प्रोत्साहित किया है। इसके साथ ही, इस महोत्सव ने नाट्य कला और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों के लोगों के बीच ज्ञान व विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाया है।” 

20 दिनों तक चलने वाले ‘भारंगम’ 2025 में 9 अलग-अलग देशों की 200 से ज़्यादा प्रस्तुतियाँ दिखाई जाएँगी। इस महोत्सव में हिस्सा लेने वाले अंतरराष्ट्रीय थिएटर समूह—रूस, इटली, जर्मनी, नॉर्वे, चेक गणराज्य, नेपाल, ताइवान, स्पेन और श्रीलंका से शामिल हैं।

यह पहला अवसर होगा जब भारत रंग महोत्सव अपनी सीमाओं से परे जा रहा है। इस बार नेपाल और श्रीलंका में भी इसके उप-अध्याय आयोजित किए जाएँगे। दिल्ली में मुख्य आयोजन के अलावा, भारत में अगरतला, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भटिंडा, भोपाल, गोवा, गोरखपुर, जयपुर, खैरागढ़ और रांची जैसे शहरों में भी यह महोत्सव अपनी रंगत बिखेरेगा।

आयोजन को लेकर चित्तरंजन त्रिपाठी ने आगे कहा : “एनएसडी की विरासत को जारी रखते हुए, हम इस बार दो अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर भारत रंग महोत्सव 2025 का आयोजन कर रहे हैं। आने वाले वर्षों में, हमारा लक्ष्य इस महोत्सव के दायरे को और व्यापक बनाना तथा इसे अन्य महाद्वीपों तक ले जाना है।”

समावेशी रंगमंच के अंतर्गत भारत रंग महोत्सव में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर संथाल जनजाति, यौनकर्मी, ट्रांसजेंडर व्यक्ति, वरिष्ठ नागरिक और बच्चे भी रंगमंच का हिस्सा बनेंगे।

साथ-ही-साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने इस वर्ष के लिए ‘विश्व जन रंग’ नामक एक नई पहल की भी शुरुआत की है। इसके अंतर्गत, दुनिया भर के सात महाद्वीपों में रहने वाले भारतीय और भारत के युवा कलाकार लघु नाटकों का ऑनलाइन प्रदर्शन करेंगे। यह पहल 2024 में ‘जन भारत रंग’ परियोजना की सफलता से प्रेरित है, जिसने ‘एक समान विषय पर कलात्मक प्रदर्शनों की सबसे बड़ी संख्या’ के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, लंदन का प्रमाण पत्र हासिल किया था। 

‘विश्व जन रंग’ और महोत्सव के व्यापक स्वरूप के कारण, इस वर्ष का भारत रंग महोत्सव—दुनिया का सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव हो सकता है। इसी में एनएसडी द्वारा ‘सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव (नाटकों)’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम शामिल कराने की तैयारी भी की जा रही है।

बीआरएम 2025 का उद्घाटन समारोह 28 जनवरी 2025 को दोपहर तीन बजे नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में होगा, जिसमें एनएसडी रेपर्टरी कंपनी द्वारा ‘रंग संगीत’ नामक एक संगीत संध्या का आयोजन होगा।

भारत रंग महोत्सव 2025 राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की 65वीं वर्षगाँठ और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की रिपर्टरी कंपनी की 60वीं वर्षगाँठ के साथ हो रहा है। इस मौक़े पर रिपर्टरी कंपनी ‘रंग षष्ठी’ थिएटर फ़ेस्टिवल शृंखला का भी आयोजन कर रही है, जिसमें देश भर के विभिन्न मंचों पर उनके कुछ प्रसिद्ध नाटकों का मंचन किया जाएगा। रेपर्टरी कंपनी बीआरएम 2025 के दौरान कोलंबो, काठमांडू, बेंगलुरु और गोवा जैसे शहरों में भी अपने नाटकों की प्रस्तुति करेगी।

बीआरएम 2025 के साथ-साथ, छात्रों द्वारा संचालित एक समानांतर महोत्सव, ‘अद्वितीय 2025’ का भी आयोजन किया जाएगा। बीआरएम की तरह ही ‘अद्वितीय’ का भी लंबा इतिहास रहा है, जो एनएसडी के छात्रों को विभिन्न विषयों के छात्रों से जुड़ने, अन्य विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने और प्रदर्शन कलाओं का अभ्यास करने का मौक़ा देता है। इस छात्र-केंद्रित महोत्सव में स्ट्रीट थिएटर, लोक बैंड, ओपन स्टेज, वार्ता आदि का आयोजन किया जाएगा, जिसका पूरा प्रबंधन एनएसडी के प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों द्वारा किया जाएगा।

भारत रंग महोत्सव—जिसकी शुरुआत 1999 में भारतीय रंगमंच कलाकारों को एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से हुई थी, आज एक समृद्ध ज्ञान-साझाकरण मंच के रूप में विकसित हो चुका है। जिसमें अब पूरे भारत से आए लोक और पारंपरिक कलाकार विभिन्न स्थानों पर अपनी प्रस्तुतियाँ देते हैं और जिसका आनंद रंगमंच प्रेमी ले सकते हैं। इसी क्रम में इस बार रंगमंच के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए निर्देशक-दर्शक संवाद, सेमिनार और मास्टरक्लास का भी आयोजन किया जाएगा। 

इस बार आयोजन साहित्य प्रेमियों के लिए भी ख़ास होने वाला है। ‘श्रुति’ नामक विशेष कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन और साहित्यिक चर्चा होगीं। आप ‘रंग हाट’ में ख़रीदारी का आनंद ले सकते हैं और ‘फ़ूड बाज़ार’ में स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। 

आयोजन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप NSD/BRM की वेबसाइट देख सकते हैं :
https://nsd.gov.in/ | www.brm.nsd.gov.in

'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए

Incorrect email address

कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें

आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद

हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे

07 अगस्त 2025

अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ

07 अगस्त 2025

अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ

श्रावण-मास! बारिश की झरझर में मानो मन का रुदन मिला हो। शाल-पत्तों के बीच से टपक रही हैं—आकाश-अश्रुओं की बूँदें। उनका मन उदास है। शरीर धीरे-धीरे कमज़ोर होता जा रहा है। शांतिनिकेतन का शांत वातावरण अशांत

10 अगस्त 2025

क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़

10 अगस्त 2025

क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़

Husayn remarked ironically, “A nation whose most notable manifestations are tombs and corpses!” Pointing to one of the pyramids, he continued: “Look at all that wasted effort.” Kamal replied enthusi

08 अगस्त 2025

धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’

08 अगस्त 2025

धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’

यह वाक्य महज़ धड़क 2 के बारे में नहीं कहा जा रहा है। यह ज्योतिबा फुले, भीमराव आम्बेडकर, प्रेमचंद और ज़िंदगी के बारे में भी कहा जा रहा है। कितनी ही बार स्कूलों में, युवाओं के बीच में या फिर कह लें कि तथा

17 अगस्त 2025

बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है

17 अगस्त 2025

बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है

• विद्यापति तमाम अलंकरणों से विभूषित होने के साथ ही, तमाम विवादों का विषय भी रहे हैं। उनका प्रभाव और प्रसार है ही इतना बड़ा कि अपने समय से लेकर आज तक वे कई कला-विधाओं के माध्यम से जनमानस के बीच रहे है

22 अगस्त 2025

वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है

22 अगस्त 2025

वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है

प्रिय भाई, मुझे एहसास है कि माता-पिता स्वाभाविक रूप से (सोच-समझकर न सही) मेरे बारे में क्या सोचते हैं। वे मुझे घर में रखने से भी झिझकते हैं, जैसे कि मैं कोई बेढब कुत्ता हूँ; जो उनके घर में गंदे पं

बेला लेटेस्ट