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आत्मज्ञान पर उद्धरण

व्यक्ति अपनी ही खोज में समाज को ढूँढ़ता है, समाज के विकास की परीक्षा करता है, और इस प्रकार उसकी परीक्षा करते हुए अपनी परीक्षा करता है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

जिस कवि में आत्म-निरीक्षण तीव्र होगा, वह कंडीशड साहित्यिक रिफ्लेक्सेज से उतना ही जूझ सकेगा।

गजानन माधव मुक्तिबोध

बाह्य का आभ्यंतिकरण एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है।

गजानन माधव मुक्तिबोध