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स्वतंत्रता पर उद्धरण

अराजकता का इलाज स्वतंत्रता है कि दासता, वैसे ही जैसे अंधविश्वास का सच्चा इलाज नास्तिकता नहीं, धर्म है।

एडमंड बर्क

लड़ते हुए मर जाना जीत है, धर्म है। लड़ने से भागना पराधीनता है, दीनता है। शुद्ध क्षत्रियत्व के बिना शुद्ध स्वाधीनता असंभव है।

महात्मा गांधी

स्वातंत्र्य की सुरक्षा और संवर्द्धन के लिए भी आत्मानुशासन पहली शर्त है।

कृष्ण बिहारी मिश्र

स्वातंत्र्य-महत्ता का जिसमें जितना ऊँचा और प्रखर बोध होता है उसी का व्यक्तित्व अनुशासन की पुष्ट भित्ति पर खड़ा होता है।

कृष्ण बिहारी मिश्र

भारत सदा स्वाधीन रहा है। आज भी हम स्वाधीन हैं। पैंतीस करोड़ भारतवासी विश्व विजय करके रहेंगे। भारत युग-पुरुष श्रीराम, श्रीकृष्ण, बुद्धदेव, शंकरदेव आदि की पवित्र जन्मभूमि है और मानव मात्र की ज्ञान-दायिनी भी है।

नलिनीबाला देवी
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आज हम हिंदुस्तान की पूरी आज़ादी चाहते हैं।

जवाहरलाल नेहरू

जो कुछ भी नहीं चाहता है, उसकी स्वतंत्रता अनंत हो जाती है।

ओशो

स्वाधीनता का वृक्ष समय-समय पर देशभक्तों तथा अत्याचारियों के रक्त से अवश्य सींचा जाना चाहिए। यह इसकी प्राकृतिक खाद है।

थॉमस जेफ़रसन
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सत्य के आगमन की शर्त है: चित्त की पूर्ण स्वतंत्रता।

ओशो
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आत्मानुशासन की सजगता-सक्रियता उसी में दिखाई पड़ती है जो स्वातंत्र्य का सही मूल्य समझता है।

कृष्ण बिहारी मिश्र