Font by Mehr Nastaliq Web

मज़बूत पर उद्धरण

जितना अधिक हम मरेंगे, हम उतना ही मज़बूत बनेंगे।

अज़र नफ़ीसी

जब ताक़तवर लोग इतने कमज़ोर थे कि वे कमज़ोर को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते थे, तब कमज़ोर व्यक्तियों को इतना मज़बूत होना चाहिए था कि वे चले जाते।

मिलान कुंदेरा

आदमी अकेला भी बहुत कुछ कर सकता है। अकेले आदमियों ने ही आदि से विचारों में क्रांति पैदा की है। अकेले आदमियों के कृत्यों से सारा इतिहास भरा पड़ा है।

प्रेमचंद

यदि तेरी पुकार सुनकर कोई आए तो तू अकेला ही चल।

रवींद्रनाथ ठाकुर

समय बीतने पर उपार्जित विद्या नष्ट हो जाती है, मज़बूत जड़ वाले वृक्ष भी गिर पड़ते हैं, जल भी सरोवर में जाकर (गर्मी आने पर) सूख जाता है। किंतु हुत (हवनादि किया हुआ पदार्थ) या सत्पात्त को दिए दान का पुण्य ज्यों का त्यों बना रहता है।

भास

ईश्वरीय शक्ति के सम्मुख मानवी शक्ति बली नहीं है।

दण्डी

भीष्म समाप्त हो गए, द्रोण मारे गए, कर्ण का भी नाश हो गया। अब पांडवों को शल्य जीत लेगा ऐसी आशा है। हे राजन्! आशा बड़ी बलवती होती है।

भट्टनारायण

दुर्बलतम शरीरों में अहंकार प्रबलतम होता है।

विलियम शेक्सपियर

जो बुद्धि में बली होते हैं, वे ही बलिष्ठ माने जाते हैं, जिनमें केवल शारीरिक बल होता है, वे वास्तव में बलवान नहीं समझे जाते।

वेदव्यास

वह जो हमारी जान नहीं ले लेता, हमें और मज़बूत बनाता है।

फ़्रेडरिक नीत्शे

होनहार प्रबल होती है।

कालिदास

बहुतेरे अधिक शक्तिशाली शत्रु नाना प्रकार के उपायों और कुटनीति के प्रयोगों द्वारा वध्य होते हैं।

वेदव्यास