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युद्ध पर कविताएँ

युद्ध संघर्ष की चरम

स्थिति है जो एक शांतिहीन अवस्था का संकेत देती है। युद्ध और शांति का लोक, राज और समाज पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। प्रस्तुत चयन में युद्ध और शांति और विभिन्न प्रसंगों में उनके रूपकों के साथ अभिव्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

सफ़ेद रात

आलोकधन्वा

औरतें

यानिस रित्सोस

भले ही यह न जानूँ

मिक्लोश राद्नोती

लड़की / चीख़

महमूद दरवेश

अंश

मिक्लोश राद्नोती

झोंटा

तादेऊष रूज़ेविच

कवि का काम

यानिस रित्सोस

हेंगिस्ट साइनिंग

होर्खे लुइस बोर्खेस

मेरे वालिद

येहूदा आमिखाई

युग की आवाज़

नीलबीर शर्मा शास्त्री

वियतनाम

वीस्वावा षिम्बोर्स्का

पेनिलोपी का शोक

यानिस रित्सोस

सो जाओ

मिक्लोश राद्नोती

एक छोटा-सा निमंत्रण

यानिस रित्सोस

कुहरिल सूरज

अन्ना अख्मातोवा

1943

सादी यूसुफ़

झंझावात

आग्नैश नैमैश नॉज

सीथियाई

अलेक्सांद्र ब्लोक

विस्मित न होना

लियोपोल्ड सेडार सेंगोर

युद्ध से पहले मेरी माँ

जॉन गुज़लॉव्स्की

बृहस्पतिवार

मिक्लोश राद्नोती

मेरे बीस बेटे

अन्ना स्विर

सँकरी घाटी

येहूदा आमिखाई

अचानक

मिक्लोश राद्नोती

एक कमरे में इकट्ठा

येहूदा आमिखाई

आत्मकथा

हंस माग्नुस एन्त्सेंसबर्गर

मेरे लोग

जॉन गुज़लॉव्स्की

बिना घावों की खिड़कियाँ

जॉन गुज़लॉव्स्की

काहिरा की एक गली

अशरफ़ अबूल-याज़िद

बम का व्यास

येहूदा आमिखाई

दिसंबर

मिक्लोश राद्नोती

मोर्चे की ओर

अलेक्सांद्र ब्लोक

दो बूँदें

ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

जाहिल और दुष्ट

पॉल इल्यार

काले बादल

डाग हामरशुल्ड

न्यूरेम्बर्ग 1967

कोलिन फ़ाल्क

घास

कार्ल सैंडबर्ग

शांति, आतंक

मिक्लोश राद्नोती