दाँते के नगर में
फ़्लौरेंस
15/06/1952
जब हम वेनिस से फ्लौरेंस के लिए रवाना हुए, फिर वही हरी-भरी खेतियाँ नज़र आने लगीं। गेहूँ की कटाई ज़ोरों पर चल रही हैं—कहीं पूलियाँ, कहीं बोझे। कहीं-कहीं दवाई भी हो रही है। कटाई ज़्यादातर हाथों से ही, किंतु अपने यहाँ की तरह हँसिया