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नरक पर उद्धरण

नरक, नर्क

स्वर्ग और नर्क के बारे में महान कविताएँ लिखी जा चुकी हैं, मगर पृथ्वी पर महान कविता लिखी जानी अभी बाक़ी है।

वॉलेस स्टीवंस

आप नर्क जाने के बाद स्वर्ग जाते हैं।

लियोनार्ड कोहेन

नरक स्वर्ग का तहख़ाना होगा।

रघुवीर चौधरी

ऐसी दुनिया में रहना नर्क में रहने के समान है, जहाँ किसी को माफ़ नहीं किया जाता और जहाँ सभी कभी सुधर सकने लायक़ हैं।

मिलान कुंदेरा

खनखनाते हुए मणिमय मुक्ताहार, सोने के नूपुर, कुंकम के अंगराग, सुगंधित पुष्प, विचित्र मालाएँ, रंगबिरंगे वस्त्र—इन सब चीज़ों की मूर्खों ने नारी में कल्पना कर ली है किंतु भीतर-बाहर विचारने वालों के लिए तो स्त्रियाँ नरक ही हैं।

कृष्ण बिहारी मिश्र

किताब लिखना—घटिया किताब तक लिखना नरक है।

श्रीलाल शुक्ल

कभी-कभी लगता है, यह स्वर्ग और नरक एक तरह की परी कथा हैं। बड़ों की परी कथा! लोगों को तो परी कथाएँ अच्छी लगती हैं न!

अमृतलाल वेगड़

पाप केवल इसलिए बुरा नहीं है कि उससे अपने आपको नरक मिलता है, बुरा वह इसलिए है कि उसकी दुर्गंध से दूसरे का दम भी बिना घुटे नहीं रहता।

सियारामशरण गुप्त
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नरक इस जीवन में भी है, और जीवन के बाद भी और स्वर्ग भी। हमें नरक की चिंता नहीं करनी चाहिए और हमें स्वर्ग जाने का सपना भी नहीं देखना चाहिए, क्योंकि स्वर्ग और नरक हर पल मौजूद हैं।

शम्स तबरेज़