Font by Mehr Nastaliq Web

अस्तित्व पर उद्धरण

मेरी आत्मा को छोड़कर, हर चीज़, धूल का हर कण, पानी की हर बूँद, भले ही अलग-अलग रूपों में हो, अनंत काल तक अस्तित्व में रहती है?

अमोस ओज़

जितना आप प्रकट होते हैं और जहाँ आप प्रकट होते हैं, अपने आप पर उतना ही और केवल वहीं विश्वास करें। जो देखा नहीं जा सकता, फिर भी अस्तित्व में है, सर्वत्र है और शाश्वत है। आख़िरकार हम वही हैं।

रघुवीर चौधरी

संभवतः मेरे जीवन का अस्ल मक़सद मेरे शरीर, मेरी संवेदनाओं और मेरे विचारों को लेखन बनाने के लिए हो, दूसरे शब्दों में : कुछ समझ में आने लायक़ और सार्वभौमिक हो, जिससे मेरा अस्तित्व अन्य लोगों के जीवन और मस्तिष्क में विलीन हो जाए।

ऐनी एरनॉ

मानव अस्तित्व इतनी भंगुर चीज़ है और इस तरह के ख़तरों से घिरा हुआ है कि मैं बिना सिहरे प्यार नहीं कर सकती हूँ।

सिमोन वेल

मैंने अपना साहित्यिक अस्तित्व ऐसे व्यक्ति जैसा बनाना शुरू कर दिया, जो इस तरह रहता है जैसे उसके अनुभव किसी दिन लिखे जाने थे।

ऐनी एरनॉ

जो कुछ आप महसूस करते हो, वह ख़ुद-ब-ख़ुद अपना अस्तित्व पाएगा।

जैक केरुआक

शिकायत—अगर मेरा अस्तित्व शाश्वत हो जाए, तो फिर कल मेरा अस्तित्व कैसा होगा?

फ्रांत्स काफ़्का

प्रेम में, अगर वह सचमुच ‘प्रेम’ है, एक वायदा ज़रूर होता है—कि मैं अपने व्यक्तित्व और अस्तित्व की तहों से अपने ‘प्रेमी’ या ‘प्रेमिका’ को उसके व्यक्तित्व और अस्तित्व की तहों तक प्रेम करता हूँ।

एरिक फ़्रॉम

ऐसा लग रहा था कि सभी अस्तित्व विरोधों और विभाजन पर आधारित है।

हरमन हेस

बुराई उदासीनता पर फलती-फूलती है और इसके बिना अस्तित्व में नहीं हो सकती है।

हाना आरेन्ट

पार्वती और गंगा हमारे अस्तित्व का ही मेरुदंड है। हमारे भीतर और बाहर जो कुछ उत्तम है, जो कुछ सुंदर है, जो कुछ पवित्र है, उसको प्रतीक रूप में पार्वती और गंगा व्यक्त करती हैं।

हजारीप्रसाद द्विवेदी

यदि ईश्वर का अस्तित्व होता तो उसका आविष्कार करना पड़ता।

वाल्तेयर

संसार का अस्तित्व वर्षा पर आधारित होने के कारण वही संसार की सुधा कहलाने योग्य है।

तिरुवल्लुवर

समाज में स्थित विभिन्न नगरीय तथा राजनैतिक संस्थाओं की अस्तित्व में स्थित व्यवस्था को अमान्य करना—यह विद्रोही साहित्य का लक्ष्य होता है।

भालचंद्र नेमाडे

अस्तित्व और अनस्तित्व—यही तो प्रश्न है।

विलियम शेक्सपियर

तुम्हारा अपना रास्ता है, मेरा अपना और जहाँ तक सही और एकमात्र रास्ते का सवाल है तो ऐसे किसी रास्ते का अस्तित्व नहीं है।

फ़्रेडरिक नीत्शे