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अस्तित्व पर कविताएँ

आख़िरी प्याला

निकानोर पार्रा

इसका क्या अर्थ है

चेस्लाव मीलोष

शाम 6 बजे के उद्भव पर

मिरोस्लाव होलुब

चुका हुआ नाम

गाब्रियल ओकारा

अहम्मन्य

स्टीफन स्पेंडर

सफ़ेदी

चेस्लाव मीलोष

हवा के कहे की गाथा

रफ़ाइल अलबर्ती

लौह-सेब

वास्को पोपा

अतृप्ति

दर्शन बुट्टर

मास्को की सुबह

अलेक्सांद्र ब्लोक

शिनाख़्त का सच

दर्शन बुट्टर

इतना ज़रूर करो

नारायण सुर्वे

ईश्वर

श्री अरविंद

धन्य हो प्रभु!

रहमान राही

तुम और मैं

गुलाब नबी फ़िराक़

काला भ्रम

वसंत आबाजी डहाके

विद्युत वाणी

टी. एस. एलियट

जल समाधि

टी. एस. एलियट

पोस्ट आर्काइव

सत्यव्रत रजक

यहाँ

ओक्ताविओ पाज़

मिट्टी

फेदोर सोलोगुब

समीकरण

प्रियंकर पालीवाल

जब तलक मैं था...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

आज होना न होना हुआ...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

प्रेम और अस्तित्व

उत्कर्ष पांडेय

जीवन का मोती

उद्भव सिंह शांडिल्य