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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

23 अप्रैल 2024

‘'झीनी बीनी चदरिया' का बनारस’

‘'झीनी बीनी चदरिया' का बनारस’

एक शहर में कितने शहर होते हैं, और उन कितने शहरों की कितनी कहानियाँ? वाराणसी, बनारस या काशी की लोकप्रिय छवि विश्वनाथ मंदिर, प्राचीन गुरुकुल शिक्षा के पुनरुत्थान स्वरूप बनाया गया बनारस हिंदू विश्वविद्या

22 अप्रैल 2024

शुद्ध भाषा किस चिड़िया का नाम है?

शुद्ध भाषा किस चिड़िया का नाम है?

कुछ मित्र अक्सर हिंदी में प्रूफ़ रीडिंग की दुर्गति पर विचार करते रहते हैं। ऐसे में अचानक थोड़ी पुरानी बात याद आ गई। मैं

17 अप्रैल 2024

सौ बार मंच पर उतर चुकी एक कविता के बारे में

सौ बार मंच पर उतर चुकी एक कविता के बारे में

एक भाषा में कालजयी महत्त्व प्राप्त कर चुकीं साहित्यिक कृतियों के पुनर्पाठ के लिए केवल समालोचना पर निर्भर रहना एक तरह की

16 अप्रैल 2024

नवगीत का सूरज डूब गया

नवगीत का सूरज डूब गया

माहेश्वर तिवारी [1939-2024]—एक भरा-पूरा नवगीत नेपथ्य में चला गया—अपनी कभी न ख़त्म होने वाली गूँज छोड़कर। एक किरन अकेली पर

14 अप्रैल 2024

बंगाली, बैशाख और रवींद्रनाथ

बंगाली, बैशाख और रवींद्रनाथ

बांग्ला नव वर्ष का पहला वैशाख वास्तव में बंगालियों के प्राणों का उत्सव है। इस उत्सव में कोई विदेशीपन नहीं है; बल्कि इसमे

14 अप्रैल 2024

लोग क्यों पढ़ते हैं अंबेडकर को?

लोग क्यों पढ़ते हैं अंबेडकर को?

यह सन् 2000 की बात है। मैं साकेत कॉलेज, अयोध्या में स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र था। कॉलेज के बग़ल में ही रानोपाली रेलवे

11 अप्रैल 2024

'जैसी हर एक दिल में है इस ईद की ख़ुशी'

'जैसी हर एक दिल में है इस ईद की ख़ुशी'

छतों पर ठट का ठट जमा है, शाम हल्की शफ़क़ में डूबी आसमान पर लहरों के साथ किसी बच्चे की तरह अटखेलियाँ करती मुस्कुरा रही है।

10 अप्रैल 2024

सिफ़्सी लेकर आ रहा है देश-विदेश की 150 फ़िल्में

सिफ़्सी लेकर आ रहा है देश-विदेश की 150 फ़िल्में

स्माइल फ़ाउंडेशन—यूरोपीय संघ (भारत में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधिमंडल) के साथ साझेदारी में बच्चों और नौजवानों के लिए वार्षि

10 अप्रैल 2024

हम भले होने के अभिनय से ऊब चुके हैं

हम भले होने के अभिनय से ऊब चुके हैं

तुम्हें थोड़ा-सा पिघला हुआ होना चाहिए। पिघला हुआ यानी नरम और मुलायम, ज़रा पानी-पानी-सा। दाईं आँख ने कहा।  तुम्हें थोड़ा

10 अप्रैल 2024

‘बिना शिकायत के सहना, एकमात्र सबक़ है जो हमें इस जीवन में सीखना है।’

‘बिना शिकायत के सहना, एकमात्र सबक़ है जो हमें इस जीवन में सीखना है।’

जैसलमेर 10 मई 2023  आज जैसलमेर आया हूँ। अपनी भुआ के यहाँ। बचपन में यहाँ कुछ अधिक आना होता था। अब उतना नहीं रहा। दुपह