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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

07 दिसम्बर 2024

‘सौंदर्य की नदी नर्मदा : नर्मदा के वनवास से अज्ञातवास की पूरी कहानी’

‘सौंदर्य की नदी नर्मदा : नर्मदा के वनवास से अज्ञातवास की पूरी कहानी’

“सौंदर्य उसका, भूल-चूक मेरी!” शुरुआती पन्नों में ही यह पंक्ति लिखकर लेखक अपनी मंशा बिल्कुल साफ़ कर देते हैं। सारे ग्रह से लेकर परमाणु तक सब अपनी-अपनी कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं और इसी तरह प्रत्येक

29 नवम्बर 2024

बोरसी भर आँच : चीकू की चीख़ों में मनुष्य का चेहरा

बोरसी भर आँच : चीकू की चीख़ों में मनुष्य का चेहरा

“माँ कभी न थकने वाली चींटियों की तरह अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाती रहती।” चीकू की चमकीली पर पनीली आँखें दुनिया भर के दर्द का समुद्र भीतर समाए बड़ी हो रही थीं। नन्ही उम्र में चट्टानी प्रतिरोधक क्षमता च

24 नवम्बर 2024

भाषाई मुहावरे को मानवीय मुहावरे में बदलने का हुनर

भाषाई मुहावरे को मानवीय मुहावरे में बदलने का हुनर

दस साल बाद 2024 में प्रकाशित नया-नवेला कविता-संग्रह ‘नदी का मर्सिया तो पानी ही गाएगा’ (हिन्द युग्म प्रकाशन) केशव तिवारी का चौथा काव्य-संग्रह है। साहित्य की तमाम ख़ूबियों में से एक ख़ूबी यह भी है कि व

23 नवम्बर 2024

नवंबर में ‘क़यास’ पर कुछ क़यास

नवंबर में ‘क़यास’ पर कुछ क़यास

मृत्यु वैसे भी रहस्य में लिपटी होती है। इस पर कई बार वह अपने इस रहस्य को कोई ऐसा आकार दे देती है कि वह लगातार गड़ता है। हम बार-बार पीड़ा में लिपटे उस रहस्य की ओर लौटते हैं और हर बार एक अजीब-सी चोट खाक

22 नवम्बर 2024

जीम अब्बासी के उपन्यास ‘सिंधु’ के बारे में

जीम अब्बासी के उपन्यास ‘सिंधु’ के बारे में

जीम अब्बासी सिंध (पाकिस्तान) के समकालीन लेखक हैं, जिन्होंने कुछ वर्ष पहले ही उर्दू में लिखना शुरू किया है। एक कहानी संग्रह ‘ज़र्द हथेली और दूसरी कहानियाँ’(2020), और दो उपन्यास ‘रक़्स-नामा’ (2023) और

21 नवम्बर 2024

मैं पृथ्वी से बिछुड़ गया था : कविता की हवा को ताज़गी से भरता संग्रह

मैं पृथ्वी से बिछुड़ गया था : कविता की हवा को ताज़गी से भरता संग्रह

इधर रुस्तम का नया कविता-संग्रह ‘मैं पृथ्वी से बिछुड़ गया था’ (संभावना प्रकाशन) सामने आया है। रुस्तम के काव्य-संसार में प्रवेश से पहले रिलेक्स होना ज़रूरी है, क्योंकि वह जीवन की आपाधापी के कवि नहीं है

13 नवम्बर 2024

बुकर विजेता किताब 'ऑर्बिटल' के बारे में

बुकर विजेता किताब 'ऑर्बिटल' के बारे में

अंतरिक्ष शब्द सुनते ही मैं आतंकित महसूस करता हूँ। मैं जिस शहर में बढ़ा हुआ वह करनाल के बहुत नज़दीक था—जहाँ चाँद पर क़दम रखने वाली पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ। जब कोलंबि

09 नवम्बर 2024

बंजारे की चिट्ठियाँ पढ़ने का अनुभव

बंजारे की चिट्ठियाँ पढ़ने का अनुभव

पिछले हफ़्ते मैंने सुमेर की डायरी ‘बंजारे की चिट्ठियाँ’ पढ़ी। इसे पढ़ने में दो दिन लगे, हालाँकि एक दिन में भी पढ़ी जा सकती है। जो किताब मुझे पसंद आती है, मैं नहीं चाहती उसे जल्दी पढ़कर ख़त्म कर दूँ; इसलिए

04 नवम्बर 2024

माफ़िया और राजनीतिक गलियारों में खेले जाने वाले शह और मात के खेल की कहानी

माफ़िया और राजनीतिक गलियारों में खेले जाने वाले शह और मात के खेल की कहानी

पेशेवर कामयाबी का सबसे ख़राब बाई-प्रॉडक्‍ट यही है कि यह आपको उन सब चीज़ों से दूर कर देती है, जो आपको सबसे ज़्यादा ख़ुशी देती हैं। मेरे मामले में यह चीज़ किताबें पढ़ना है। जब भी वक़्त मिलता है, एक नई

29 अक्तूबर 2024

धरती पर हज़ार चीज़ें थीं काली और ख़ूबसूरत

धरती पर हज़ार चीज़ें थीं काली और ख़ूबसूरत

इक्कीसवीं सदी की हिंदी कविता की नई पीढ़ी का स्वर बहुआयामी और बहुकेंद्रीय सामाजिक सरोकारों से संबद्ध है। नई पीढ़ी के कवियों ने अपने समय, समाज और राजनीति के क्लीशे को अलग भाष्य दिया है। अनुपम सिंह की क

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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