साहित्य और संस्कृति की घड़ी
दस साल बाद 2024 में प्रकाशित नया-नवेला कविता-संग्रह ‘नदी का मर्सिया तो पानी ही गाएगा’ (हिन्द युग्म प्रकाशन) केशव तिवारी का चौथा काव्य-संग्रह है। साहित्य की तमाम ख़ूबियों में से एक ख़ूबी यह भी है कि वह
मृत्यु वैसे भी रहस्य में लिपटी होती है। इस पर कई बार वह अपने इस रहस्य को कोई ऐसा आकार दे देती है कि वह लगातार गड़ता है। हम बार-बार पीड़ा में लिपटे उस रहस्य की ओर लौटते हैं और हर बार एक अजीब-सी चोट खाक
जीम अब्बासी सिंध (पाकिस्तान) के समकालीन लेखक हैं, जिन्होंने कुछ वर्ष पहले ही उर्दू में लिखना शुरू किया है। एक कहानी संग्रह ‘ज़र्द हथेली और दूसरी कहानियाँ’(2020), और दो उपन्यास ‘रक़्स-नामा’ (2023) और
इधर रुस्तम का नया कविता-संग्रह ‘मैं पृथ्वी से बिछुड़ गया था’ (संभावना प्रकाशन) सामने आया है। रुस्तम के काव्य-संसार में प्रवेश से पहले रिलेक्स होना ज़रूरी है, क्योंकि वह जीवन की आपाधापी के कवि नहीं है
17 नवंबर 2024 को स्वराज विद्यापीठ, प्रयागराज में यूनिवर्सिटी थिएटर द्वारा आयोजित 20 दिवसीय उत्पादन आधारित कार्यशाला का भव्य समापन माइम (मूक अभिनय) प्रदर्शन के साथ हुआ। यह प्रस्तुति शहर के कलाप्रेमियो
हिंदी-साहित्य-संसार में गोष्ठी-संगोष्ठी-समारोह-कार्यक्रम-आयोजन-उत्सव-मूर्खताएँ बग़ैर कोई अंतराल लिए संभव होने को बाध्य हैं। मुझे याद पड़ता है कि एक प्रोफ़ेसर-सज्जन ने अपने जन्मदिन पर अपने शोधार्थी से
साल 2015 में जब मैं ताइवान पहुँचा था तो बहुत रोया था। मेरा मन इस क़दर भटकता था कि मैं वहाँ पहुँचने के चार दिन बाद ही यह जान लेना चाहता था कि मैं कब भारत वापस आ पाऊँगा। लेकिन अब जब मैं ताइवान से लौट र
16 नवम्बर 2024
नाटक देखने और समझने का मेरा अनुभव यूनिवर्सिटी थिएटर की देन है। बतौर दर्शक मैं कोई प्ले देखती और फिर उसके बारे में जब लिखना होता, फ़ीडबैक देना होता—तो मेरे पास बस कुछ ही बातें बचतीं, कितनी देखते समय ह
14 नवम्बर 2024
“किधर है नीत्शे?” यह सवाल सुबह से नीत्शे के घर में गूँजता रहता। उसके पिता बोहरे जी, जिनका असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा है—और जो गाँव के पुजारी और ज्योतिषाचार्य हैं—जो सुबह-सुबह अपने बेटे के घर स
13 नवम्बर 2024
अंतरिक्ष शब्द सुनते ही मैं आतंकित महसूस करता हूँ। मैं जिस शहर में बढ़ा हुआ वह करनाल के बहुत नज़दीक था—जहाँ चाँद पर क़दम रखने वाली पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ। जब कोलंबि