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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

12 अक्तूबर 2024

‘रामनगर की रामलीला’

‘रामनगर की रामलीला’

मुझे आज भी वह दिन याद है, जब मैंने पहली बार रामनगर, वाराणसी की रामलीला देखी थी। हम सब भाई-बहन ऑटो में बैठकर पापा के साथ रामलीला देखने गए थे। पीछे मुड़कर देखो सब कुछ सपने जैसा लगता है। बनारस में वैसे ही

11 अक्तूबर 2024

रसोई के ज़रिए संघर्ष, मुक्ति और प्रेम का वितान रचता उपन्यास

रसोई के ज़रिए संघर्ष, मुक्ति और प्रेम का वितान रचता उपन्यास

किताबें पढ़ने की यात्रा, मुझे उन्हें लिखने से कम रोमांचक नहीं लगती। ख़ासकर किताब अगर ऐसी हो कि तीन बजे देर रात भी—जब तक कि वह पूरी नहीं हो जाए—जगाए रखे, इस तरह की किताब से जुड़ी हर चीज़ स्मृति में अटक ज

10 अक्तूबर 2024

अफ़सर बनते ही आदमी सुहागन बन जाता है

अफ़सर बनते ही आदमी सुहागन बन जाता है

अफ़सर बनते ही आदमी सुहागन बन जाता है। कल तक फ़ाइलों में डूबा आदमी, आज बाढ़ के दिनों की मछलियों की तरह सतह पर छलछलाते हुए दिखने लगा है। विभिन्न सरकारी काज-प्रयोजनों में प्रायः जिसका प्रवेश-निषिद्ध था,

09 अक्तूबर 2024

बनारस के गंगा घाट पर होने जा रहा है तीन दिनों का ‘संगीत परिसंवाद’

बनारस के गंगा घाट पर होने जा रहा है तीन दिनों का ‘संगीत परिसंवाद’

15, 16 और 17 अक्टूबर, 2024 को वाराणसी के गंगातट पर एक तीन दिवसीय ‘संगीत परिसंवाद’ का आयोजन होने जा रहा है। छह सत्रों में तीन दिनों तक होने वाले इस कार्यक्रम में संगीतज्ञ-विद्वान ऋत्विक सान्याल, राजेश

08 अक्तूबर 2024

एन एनकाउंटर रेज़ीडेंसी : बनारस के इतिहास, किंवदंती और ज्ञान की खोज

एन एनकाउंटर रेज़ीडेंसी : बनारस के इतिहास, किंवदंती और ज्ञान की खोज

किसी शहर को जानने के लिए उसको आत्मसात करना आवश्यक है, लेकिन कुछ शहर आपसे आपकी आत्मा को ही माँगते हैं—कहने का मतलब है ख़ुद को आत्मर्पित करना। बनारस जो इतिहास और किंवदंतियों का संगम है। इस शहर को समझने

07 अक्तूबर 2024

प्रयाग शुक्ल की चित्रकला : रंगों में बसी संवेदनाएँ

प्रयाग शुक्ल की चित्रकला : रंगों में बसी संवेदनाएँ

5 अक्टूबर को आर्ट स्पेस, भोपाल में प्रयाग शुक्ल की एकल चित्रकला प्रदर्शनी ‘Myriad Hues’ का स्नेहिल शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर छाया दुबे, हंसा मिलन कुमार, साधना शुक्ला और प्रीति पोद्दार जैन की समूह प्रदर

06 अक्तूबर 2024

'बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला...'

'बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला...'

यह दो अक्टूबर की एक ठीक-ठाक गर्मी वाली दोपहर है। दफ़्तर का अवकाश है। नायकों का होना अभी इतना बचा हुआ है कि पूँजी के चंगुल में फँसा यह महादेश छुट्टी घोषित करता रहता है, इसलिए आज मेरी भी छुट्टी है। मेर

05 अक्तूबर 2024

आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आख़िरी तस्वीरें

आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आख़िरी तस्वीरें

दाह!  ये सभी चित्र सफ़ेद रंग के एक छोटे-से लिफ़ाफ़े में रखे हुए थे, जिस पर काली सियाही से लिखा हुआ था—दाह। पिछले 83 सालों से इन चित्रों को जाने-अनजाने बिला वजह गोपनीय बनाकर रखा गया और धीरे-धीरे

05 अक्तूबर 2024

ईमानदार CA से मेल एस्कॉर्ट तक का सफ़र

ईमानदार CA से मेल एस्कॉर्ट तक का सफ़र

संघर्ष, विद्रोह और समाजवाद की सिनेमाई यात्रा : नेटफ़्लिक्स सीरीज़ त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर आधुनिक भारतीय मनोरंजन की भीड़-भाड़ में, नेटफ़्लिक्स की सीए टॉपर एक ऐसी सिनेमाई रचना के रूप में उभरती है,

04 अक्तूबर 2024

पिता और मैं : कविता और माटी

पिता और मैं : कविता और माटी

मैं शुरू करना चाहता हूँ तब से—जब से मेरे पिता नवीन सागर ने मेरे आज को देख लिया था और शायद तब ही उन्होंने 27 सितंबर 2024 की शाम उनके नाम के स्टूडियो में ख़ुद पर होने वाले कविता पाठ को भी सुन लिया था।