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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

30 मई 2025

‘मास्टर की अरथी नहीं थी, आशिक़ का जनाज़ा था’

‘मास्टर की अरथी नहीं थी, आशिक़ का जनाज़ा था’

जीवन मुश्किल चीज़ है—तिस पर हिंदी-लेखक की ज़िंदगी—जिसके माथे पर रचना की राह चलकर शहीद हुए पुरखे लेखक की चिता की राख लगी हुई है। यों, आने वाले लेखक का मस्तक राख से साँवला है। पानी, पसीने या ख़ून से धुलकर

30 मई 2025

एक कमरे का सपना

एक कमरे का सपना

एक कमरे का सपना देखते हुए हमें कितना कुछ छोड़ना पड़ता है! मेरी दादी अक्सर उदास मन से ये बातें कहा करती थीं। मैं तब छो

29 मई 2025

बारिश आँगनों का स्वप्न है

बारिश आँगनों का स्वप्न है

कई दिनों की लगातार बारिश के बाद मेरे घर के आँगन में यहाँ-वहाँ बारिश का साफ़ पानी तरह-तरह के आकारों में बैठ गया है। आँगन म

28 मई 2025

विनोद कुमार शुक्ल का आश्चर्यलोक

विनोद कुमार शुक्ल का आश्चर्यलोक

बहुत पहले जब विनोद कुमार शुक्ल (विकुशु) नाम के एक कवि-लेखक का नाम सुना, और पहले-पहल उनकी ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ हाथ लगी, तो

27 मई 2025

कमज़ोर दिखना भी एक नैतिक शक्ति है

कमज़ोर दिखना भी एक नैतिक शक्ति है

एक दिन दोपहर की चिलचिलाती धूप में, मैं बिल्कुल सामान्य तरीक़े से सड़क पार कर रही थी। तभी अचानक, एक बाइक वाले ने मुझे इतन

26 मई 2025

ताइवान : गाओची रोड पर जीवन

ताइवान : गाओची रोड पर जीवन

गाओची रोड से मेरा पहला परिचय तब हुआ था, जब मैं इस सड़क के किनारे वाली कॉलोनी में कमरे की तलाश में गया था। कमरा मुझे रसोई

26 मई 2025

प्रेम जब अपराध नहीं, सौंदर्य की तरह देखा जाएगा

प्रेम जब अपराध नहीं, सौंदर्य की तरह देखा जाएगा

पिछले बरस एक ख़बर पढ़ी थी। मुंगेर के टेटिया बंबर में, ऊँचेश्वर नाथ महादेव की पूजा करने पहुँचे प्रेमी युगल को गाँव वालों न

25 मई 2025

अतीत का अँधेरा और बचकानी ख़्वाहिशें

अतीत का अँधेरा और बचकानी ख़्वाहिशें

दिनेश श्रीनेत की कहानियों का संग्रह प्रकाशित होकर सामने आया है और मैं ख़ुशी के साथ एक अजीब से एहसास से भी सराबोर हूँ। मै

24 मई 2025

वैशाख की कविता : ताड़ी

वैशाख की कविता : ताड़ी

फागुन और चैत के मदमस्त, अलसाये दिन-रात के बर’अक्स वैशाख बड़ा कामकाजी महीना है―खेत-खलिहान से संपृक्त महीना। पुराणों में इस

23 मई 2025

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो-3

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो-3

दूसरी कड़ी से आगे... हाँ तो मैं ऑटो में था। वह धड़धड़ाता हुआ बैरहना डाट पुल से सीएमपी कॉलेज से मेडिकल चौराहा होते हुए