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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

04 अक्तूबर 2025

‘रामचंद्र शुक्ल, हिंदी शब्दसागर और नागरीप्रचारिणी सभा’

‘रामचंद्र शुक्ल, हिंदी शब्दसागर और नागरीप्रचारिणी सभा’

आज हिंदी के शीर्षस्थ आलोचक और साहित्य के इतिहासकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती है। काशी नागरीप्रचारिणी सभा शुक्लजी की आलोचना की जन्मभूमि है। 1908 से 1930—लगातार 28 वर्षों तक वह ‘सभा’ की ऐतिहासिक पर

02 अक्तूबर 2025

स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी

स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी

गांधी-जयंती आ रही है। बचपन में हमारे पाठ्यक्रम का बड़ा अहम हिस्सा रहे हैं बापू। स्कूल में गाय-भैंस, सहेला-सहेली, माता-पिता, नानी-दादी के घर पर बिताई छुट्टियाँ, रेलगाड़ी का सफ़र, बसंत-बरसात आदि की तरह

02 अक्तूबर 2025

रामलीला तेरी याद में नैन हुए बेचैन

रामलीला तेरी याद में नैन हुए बेचैन

नब्बे के दशक के उतरते साल थे। न केबल टीवी गाँव पहुँचा था, न फ़ोन। बिजली पहुँच तो गई थी, पर अक्सर ग़ायब ही रहती थी। न उसके आने का कोई नियम था, न जाने का। लोग भी बिजली पर पूरी तरह आश्रित नहीं थे और न ह

30 सितम्बर 2025

शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी और ‘फ़ानी बाक़ी’

शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी और ‘फ़ानी बाक़ी’

आज का दिन मेरे महबूब शहर इलाहाबाद के महबूब साहित्यकार और आलोचक शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की जन्मतिथि है। वह आसमां में चमकते हुए तारों में से एक हैं, जिसे मैं आज के दिन देखना चाहता हूँ। इलाहाबाद के साहित्

30 सितम्बर 2025

लिखने का ठिकाना

लिखने का ठिकाना

उस्ताद का बैठकख़ाना और लिखने का ठिकाना उर्दू के प्रसिद्ध आलोचक और उपन्यासकार शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी के बैठकख़ाने, लाइब्रेरी और पढ़ने की जगह का यह स्केच उनकी नातिन तज़मीन ने अठारह बरस पहले बनाया था।

28 सितम्बर 2025

बिंदुघाटी : चेख़व, कहानी और सत्रावसान

बिंदुघाटी : चेख़व, कहानी और सत्रावसान

• किसी वाक्य में क्रिया है तो विराम भी है। यह न हो तो एक और वाक्य कैसे शुरू हो! क्रियाओं और उनके विरामों के बीच ही तो संसार कितने रूप-जाल रच रहा है! मलयज याद आते हैं :  ‘‘डूबने से पहले अंतिम बा

18 सितम्बर 2025

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो-4

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो-4

तीसरी कड़ी से आगे... आगे डायोसिस चर्च ऑफ़ लखनऊ के प्रभारी का आवास है। मैं जब छात्रावास में रहता था। तब एक बार ऐसा हुआ कि छात्रावास ने व्यवस्थाओं से दूर-दूर तक अपना नाता तोड़ लिया। न साफ़-सफ़ाई, न

17 सितम्बर 2025

चंद्रशेखर आज़ाद की डायरी

चंद्रशेखर आज़ाद की डायरी

[1925-26 का दौर था। काकोरी कांड के बाद हुई धड़-पकड़ में, अधिकांश क्रांतिकारी अँग्रेज़ों की गिरफ़्त में आ चुके थे। चंद्रशेखर परंतु ‘आज़ाद’ थे। पुलिस उनको न पकड़ सकी थी। काकोरी ट्रेन एक्शन जब अपने सौंवें वर्

14 सितम्बर 2025

सोबती-वैद संवाद : सहमति और असहमति के बीच का आकाश

सोबती-वैद संवाद : सहमति और असहमति के बीच का आकाश

कृष्णा सोबती और कृष्ण बलदेव वैद के बीच भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में एक सघन वार्ता और विचार-विमर्श हुआ। यह बातचीत राजकमल प्रकाशन से पुस्तक रूप में प्रकाशित हुई। यह संवाद साहित्य, समाज और राजन

12 सितम्बर 2025

विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय : एक अद्वितीय साहित्यकार

विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय : एक अद्वितीय साहित्यकार

बांग्ला साहित्य में प्रकृति, सौंदर्य, निसर्ग और ग्रामीण जीवन को यदि किसी ने सबसे पूर्ण रूप से उभारा है, तो वह विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय (1894-1950) हैं। चरित्र-चित्रण, अतुलनीय गद्य-शैली, दैनिक जीवन को