साहित्य और संस्कृति की घड़ी
मैं अक्सर सोचती हूँ कि हम सब कितनी सारी चीज़ों से घिरे हैं। एक वयस्क के रूप में जीवन और दुनिया को देखते हुए ऊब गए हैं। अक्सर अपनी ऊब, अपनी चालाकियाँ और कुंठाएँ जाने-अनजाने हम बच्चों तक प्रेषित कर देते
भारत रंग महोत्सव—अभिमंच सभागार में, ऋषिकेश सुलभ के उपन्यास ‘दातापीर’ पर आधारित, कृष्ण समृद्धि द्वारा नाट्यान्तरित और रण
16 नवम्बर 2024
नाटक देखने और समझने का मेरा अनुभव यूनिवर्सिटी थिएटर की देन है। बतौर दर्शक मैं कोई प्ले देखती और फिर उसके बारे में जब लिख
5 अक्टूबर को आर्ट स्पेस, भोपाल में प्रयाग शुक्ल की एकल चित्रकला प्रदर्शनी ‘Myriad Hues’ का स्नेहिल शुभारंभ हुआ। इस अवसर
मुन्नवर राना कह गए हैं : “ये बाज़ार-ए-हवस है तुम यहाँ कैसे चले आए ये सोने की दुकानें हैं यहाँ तेज़ाब रहता है” बा
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) में 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य सम
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य सम
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य सम
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य सम