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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

30 दिसम्बर 2024

‘ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से उपजी भाषा और कथा’

‘ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से उपजी भाषा और कथा’

भारत में लोकतंत्र एक परंपरा के रूप में मौजूद रहा है—इस तथ्य पर काशीप्रसाद जायसवाल से लेकर अमर्त्य सेन ने अपने-अपने तरीक़े से लिखा है। प्राचीन भारत में गणराज्य, शासन-पद्धति और प्रतिदिन के राजनय पर काशीप

30 दिसम्बर 2024

वर्ष 2025 की ‘इसक’-सूची

वर्ष 2025 की ‘इसक’-सूची

ज्ञानरंजन ने अपने एक वक्तव्य में कहा है : ‘‘सूची कोई भी बनाए, कभी भी बनाए; सूचियाँ हमेशा ख़ारिज की जाती रहेंगी, वे विश्वसनीयता पैदा नहीं कर सकतीं—क्योंकि हर संपादक, आलोचक के जेब में एक सूची है।’’

29 दिसम्बर 2024

बिल्लियों की बेपरवाही पर आप क्या सोचते हैं!

बिल्लियों की बेपरवाही पर आप क्या सोचते हैं!

न जाने कितनी सदियों से अब तक आदमी कुत्तों, बैलों, घोड़ों, मुर्ग़ों और अन्य जानवरों से घिरा रहा; लेकिन बिल्लियाँ इस पूरे इतिहास के ऊपर बैठकर, नीमबाज़ आँखों से धूप सेंक रही हैं।     बिल्लियाँ चलता-धड़कत

28 दिसम्बर 2024

अंतहीन संभावना का आकार

अंतहीन संभावना का आकार

हिंदी भाषा की प्रकृति अपने आप में जितनी सरल है, उतनी ही जटिल भी है। बहुत सरल और सामान्य से लगने वाले कई शब्दों की अशुद्ध वर्तनी लेखन के स्तर पर प्रचलित है। अर्थ-प्रयोग के स्तर पर भी ग़लत शब्दों का प्र

27 दिसम्बर 2024

‘अभिमान’ और रोमांटिसाइजेशन की दिक़्क़त

‘अभिमान’ और रोमांटिसाइजेशन की दिक़्क़त

कुछ दिन पहले ‘अभिमान’ (1973) देखी। गाने अच्छे हैं। कहानी इस प्रकार है : एक बड़ा गायक है। अपने व्यावसायिक शिखर के समय में। जीवन में एक संगिनी की तलाश है। सुंदरियों से घिरा है। पर कोई उसे भाता नहीं

26 दिसम्बर 2024

जातिगत गर्व और समानता का संघर्ष

जातिगत गर्व और समानता का संघर्ष

पत्रकार और अध्येता मनोज मिट्टा की तीसरी किताब ‘कास्ट प्राइड : बैटल फ़ॉर इक्वलिटी इन हिंदू इंडिया’ अप्रैल 2023 में प्रकाशित हुई है। इससे पहले उन्होंने 1984 के सिख विरोधी जनसंहार पर ‘When A Tree Shook D

25 दिसम्बर 2024

नए लेखकों के लिए 30 ज़रूरी सुझाव

नए लेखकों के लिए 30 ज़रूरी सुझाव

पहला सुझाव तो यह कि जीवन चलाने भर का रोज़गार खोजिए। आर्थिक असुविधा आपको हर दिन मारती रहेगी। धन के अभाव में आप दार्शनिक बन जाएँगे लेखक नहीं।  दूसरा सुझाव कि अपने लेखक समाज में स्वीकृति का मोह छोड़

24 दिसम्बर 2024

श्याम बेनेगल : ग़ैर-समझौतापरस्त रचनात्मक मिशन का सबसे भरोसेमंद और बुलंद स्मारक

श्याम बेनेगल : ग़ैर-समझौतापरस्त रचनात्मक मिशन का सबसे भरोसेमंद और बुलंद स्मारक

अस्सी के दशक की ढलान पर तेज़ी से लुढ़क रहे एक असंस्कृत समय में टीवी पर ‘भारत एक खोज’ शीर्षक धारावाहिक के अथ और इति का पार्श्वसंगीत अपने-आप में ग़ुस्ताख़ी से कम नहीं था। कास्टिंग में शामिल नाम और व

24 दिसम्बर 2024

प्रेम का आईनाख़ाना

प्रेम का आईनाख़ाना

सूफ़ी साहित्य का कैनवास इतना विशाल है कि अक्सर तस्वीर का एक हिस्सा देखने में दूसरा हिस्सा छूट जाता है। इस तस्वीर में इतने रंग हैं और रंगों का ऐसा मेल-मिलाप है कि किसी एक रंग को ढूँढ़ना समझना लगभग नामुम

18 दिसम्बर 2024

ज़ाकिर हुसैन : एक उस्ताद का जीवन

ज़ाकिर हुसैन : एक उस्ताद का जीवन

इतना बोलता हुआ, इतना प्रसन्नमन, ऊर्जस्वी और संगीतमय मनुष्य आपने उनके पहले कब देखा था? उस्ताद ज़ाकिर हुसैन कुल मिलाकर 73 वर्षों तक इस दुनिया में रहे; लेकिन इस एक उम्र में उन्होंने कई ज़िंदगियाँ जी लेने