मुझे उम्मीद के अलावा किसी भी जगह रहने से डर लगता है। मुझे कोई जान का ख़तरा नहीं है।
जो चीज़ हमें एक साथ बाँधती है, वह यह है कि हम दोनों ने जीवन के प्रति अपनी उम्मीदें कम कर दी हैं।
पागलपन भरी बातों को गंभीरता से लेना समय की गंभीर बर्बादी है।
शुरू में यह विश्वास करना आसान है कि जीवन लंबा है और हमारी प्रतिभा विशाल है; लेकिन जब जीवन की सीमाएँ और अधिक स्पष्ट होती जाती हैं, यह स्पष्ट हो जाता है कि महान कार्य शायद ही कभी किया जा सकता है।
हम दूसरों को नहीं जानते। वे एक पहेली हैं। हम उन्हें नहीं जान सकते, ख़ासकर वे जो हमारे सबसे क़रीबी हैं; क्योंकि आदत हमें धुंधला कर देती है और उम्मीद हमें सचाई से अंधा कर देती है।
तुम मदद की उम्मीद अपने से अधिक शक्तिशाली से नहीं करोगे, तो किससे करोगे।
यह स्थिति वांछनीय नहीं है कि कला और जनता का मिलन हमेशा साधारणता के ही स्तर पर हो।
मित्र को क्षमा करने की अपेक्षा शत्रु को क्षमा कर देना सरल है।
जो आदमी दूसरों के भावों का आदर करना नहीं जानता, उसे दूसरे से भी सद्भावना की आशा नहीं करनी चाहिए।
जो बल पराक्रम से संपन्न तथा पहले ही उपकार करने वाले कार्यार्थी पुरुषों को आशा देकर पीछे उसे तोड़ देता है, वह संसार के सभी पुरुषों में नीच है।
उत्कंठित व्यक्तियों की उत्कंठा समय की अपेक्षा करके नहीं होती।
निष्काम होकर नित्य पराक्रम करने वालों की गोद में उत्सुक होकर सफलता आती ही है।
यह मैं नहीं मानता कि मन ही मन क्षमा चाहने की अपेक्षा प्रकट रूप से क्षमा माँगना ही हर हालत में सबसे बड़ी बात है।