Font by Mehr Nastaliq Web

सिनेमा पर कविताएँ

सिनेमा ऐसा कला-रूप है

जहाँ साहित्य, संगीत, अभिनय, नृत्य जैसे कलासिक कला-रूपों के साथ ही फ़ोटोग्राफी, एनीमेशन, डिजिटल एडिटिंग, ग्राफ़िक्स जैसे अन्य आधुनिक कला-रूप प्रतिबिंबित होते हैं। आधुनिक समाज और सिनेमा का अनन्य संबंध देखा जाता है, जहाँ दोनों एक-दूसरे की प्रवृत्तियों का अनुकरण करते नज़र आते हैं। इस चयन में सिनेमा विषयक कविताओं का संकलन किया गया है।

स्मिता पाटिल

दिनेश कुशवाह

फ़्रेंच सिनेमा

देवी प्रसाद मिश्र

सत्तर का दशक

व्योमेश शुक्ल

फ़िल्म

व्योमेश शुक्ल

समांतर सिनेमा

असद ज़ैदी

अभिनेता

विपिन कुमार अग्रवाल

मैटिनी शो

आलोकधन्वा

हेलेन

दिनेश कुशवाह

रेखा

दिनेश कुशवाह

कबीर सिंह

आयुष झा

मीना कुमारी

दिनेश कुशवाह

लोग कहते हैं

नीलेश रघुवंशी

स्पॅाट बॅाय

हरि मृदुल

दृश्य चलता रहे

राजेश शर्मा

शोले

सिद्धेश्वर सिंह

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए