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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

03 जुलाई 2025

‘AI अगले वीक ऑफ़ के लिए क्या ‘सोच’ रहे हो!’

‘AI अगले वीक ऑफ़ के लिए क्या ‘सोच’ रहे हो!’

पहली कड़ी से आगे... गणना बनाम अंतर्ज्ञान साल 1997 में शतरंज की दुनिया ने एक ऐतिहासिक पल देखा, जब IBM के सुपरकंप्यूटर डीप ब्लू (Deep Blue) ने तब के वर्ल्ड चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया। यह पहली

02 जुलाई 2025

AI तुम वस्ल और हिज्र के लुत्फ़-ओ-ग़म को कैसे महसूस करोगे!

AI तुम वस्ल और हिज्र के लुत्फ़-ओ-ग़म को कैसे महसूस करोगे!

दुनियाभर के टीनएजर रूबिक्स क्यूब नाम की एक नई रंगीन पहेली में उलझे थे। डार्थ वेडर (स्टार वार्स फ़्रैंचाइज़ी में एक काल्प

01 जुलाई 2025

आम की बेला

आम की बेला

मिरा वक़्त मुझ से बिछड़ गया मिरा रंग-रूप बिगड़ गया जो ख़िज़ाँ से बाग़ उजड़ गया मैं उसी की फ़स्ल-ए-बहार हूँ मुज़्तर ख

30 जून 2025

यह ‘टेम्बा’ का साल है, यह उम्मीद का साल है

यह ‘टेम्बा’ का साल है, यह उम्मीद का साल है

साल 1999, एकदिवसीय (वनडे) क्रिकेट वर्ल्ड कप का सेमीफ़ाइनल मैच। फ़ॉर्म में चल रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ का कैच दक्षि

29 जून 2025

‘बिंदुघाटी’ पढ़ते तो पूछते न फिरते : कौन, क्यों, कहाँ?

‘बिंदुघाटी’ पढ़ते तो पूछते न फिरते : कौन, क्यों, कहाँ?

• उस लड़की की छवि हमेशा के लिए स्टीफ़न की आत्मा में बस गई, और फिर उस आनंद में डूबा हुआ पवित्र मौन किसी भी शब्द से नहीं टूट

28 जून 2025

बारहमासी के फूल

बारहमासी के फूल

मुझे तस्वीरें निकालने का बड़ा भारी शौक़ है। ख़ूब तस्वीरें निकालता हूँ उनकी—जो सुंदर लग जाए मन को, जो रमणीक हो, जो मनोरम हो

27 जून 2025

आचार्य शुक्ल के इतिहास के बहाने : आदिकाल के अप्रासंगिक होने पर सवाल?

आचार्य शुक्ल के इतिहास के बहाने : आदिकाल के अप्रासंगिक होने पर सवाल?

सास्त्र सुचिंतित पुनि पुनि देखिअ। —३६, अरण्यकाण्ड, श्रीरामचरितमानस तुलसी की इस पंक्ति का शीर्षक रूप में प्रयोग करते

26 जून 2025

नायक खोजते अ-नायक हो तुम

नायक खोजते अ-नायक हो तुम

उल्टी धार के लिए शुक्रगुज़ार होना चाहिए। परेशानियों का शुक्रिया कहना चाहिए। अधम मनुष्यों से दूर रहना चाहिए। कविता में सू

25 जून 2025

अब बाज़ार स्त्री के क़दमों में है

अब बाज़ार स्त्री के क़दमों में है

समकालीन हिंदी स्त्री-कविता की परंपरा में अनीता वर्मा सघन संवेदना और ऐन्द्रियबोध की कवि हैं। भाषा, भाव और बिंब के साथ प्र

24 जून 2025

'आलोचना' सह पाएगी अपनी आलोचना!

'आलोचना' सह पाएगी अपनी आलोचना!

राजकमल प्रकाशन समूह की त्रैमासिक पत्रिका ‘आलोचना’ [अंक-77] ने ‘इक्कीसवीं सदी की हिंदी कविता’ शीर्षक से एक विशेषांक गए दि