फूल पर बेला
अमेरिकी कवि एमर्सन ने
फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।
छितवन : स्मृति में बसी गंध
चाहता हूँ कि छितवन को उसके नाम से भूल जाऊँ, कहीं से गुज़रूँ तो उसकी महक नथुनों में घुसे और मैं बेचैन होकर उस महक का पता खोजता फिरूँ। मैं उन दिनों को फिर से जीना चाहता हूँ, महसूस करना चाहता हूँ; और उस
बारहमासी के फूल
मुझे तस्वीरें निकालने का बड़ा भारी शौक़ है। ख़ूब तस्वीरें निकालता हूँ उनकी—जो सुंदर लग जाए मन को, जो रमणीक हो, जो मनोरम हो। इसी कारण फूलों की तस्वीरें भी निकालता आया हूँ, लेकिन इस वसंत मैंने फूलों पर ग