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कवि पर कवि

एक कवि की दूसरे कवि

पर लिखी गई कविता।

25 सितम्बर 2024

जीवन की कविता और कविता का जीवन

जीवन की कविता और कविता का जीवन

सबसे पहले तो यही स्पष्ट कर देना यहाँ ज़रूरी है कि यह उद्भ्रांत की प्रतिनिधि कविताओं का संचयन नहीं है। उनकी प्रतिनिधि व चर्चित कविताओं के कई संकलन इससे पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं, उनकी काव्य संचयिता

19 अगस्त 2024

जो रेखाएँ न कह सकेंगी

जो रेखाएँ न कह सकेंगी

एक युग बीत जाने पर भी मेरी स्मृति से एक घटा भरी अश्रुमुखी सावनी पूर्णिमा की रेखाएँ नहीं मिट सकी हैं। उन रेखाओं के उजले रंग न जाने किस व्यथा से गीले हैं कि अब तक सूख भी नहीं पाए—उड़ना तो दूर की बात है

15 जुलाई 2024

कविता मुझे कहाँ मिली?

कविता मुझे कहाँ मिली?

आज कविता लिखना सीखते हुए मुझे तीन दशक से ज़्यादा समय हो गया और अब भी मैं सीख ही रहा हूँ, क्योंकि मेरे अनुभव का निष्कर्ष यह है कि किसी ज़माने में सौरव गांगुली ने जो बात क्रिकेट के लिए कही थी, वह सृजन की

08 मई 2024

रवींद्रनाथ ने कहा है कि...

रवींद्रनाथ ने कहा है कि...

हमारे गाँव में और कुछ हो या न हो, कुछ मिले न मिले... पर रवींद्रनाथ थे। वह थे और वह पूरी तरह से घर के आदमी थे। घरवाले वही होते हैं जिन्हें देखकर भी हम अनदेखा करते हैं, जिन्हें सोचकर भी हम नहीं सोचते य

07 मई 2024

जब रवींद्रनाथ मिले...

जब रवींद्रनाथ मिले...

एक भारतीय मानुष को पहले-पहल रवींद्रनाथ ठाकुर कब मिलते हैं? इस सवाल पर सोचते हुए मुझे राष्ट्रगान ध्यान-याद आता है। अधिकांश भारतीय मनुष्यों का रवींद्रनाथ से प्रथम परिचय राष्ट्रगान के ज़रिए ही होता है, ह