15 जुलाई 2024
कविता मुझे कहाँ मिली?
आज कविता लिखना सीखते हुए मुझे तीन दशक से ज़्यादा समय हो गया और अब भी मैं सीख ही रहा हूँ, क्योंकि मेरे अनुभव का निष्कर्ष यह है कि किसी ज़माने में सौरव गांगुली ने जो बात क्रिकेट के लिए कही थी, वह सृजन की
08 मई 2024
रवींद्रनाथ ने कहा है कि...
हमारे गाँव में और कुछ हो या न हो, कुछ मिले न मिले... पर रवींद्रनाथ थे। वह थे और वह पूरी तरह से घर के आदमी थे। घरवाले वही होते हैं जिन्हें देखकर भी हम अनदेखा करते हैं, जिन्हें सोचकर भी हम नहीं सोचते य
07 मई 2024
जब रवींद्रनाथ मिले...
एक भारतीय मानुष को पहले-पहल रवींद्रनाथ ठाकुर कब मिलते हैं? इस सवाल पर सोचते हुए मुझे राष्ट्रगान ध्यान-याद आता है। अधिकांश भारतीय मनुष्यों का रवींद्रनाथ से प्रथम परिचय राष्ट्रगान के ज़रिए ही होता है, ह