आँसू पर उद्धरण
मानवीय मनोभाव के एक
प्रकट चिह्न के रूप में आँसू हमेशा से काव्य के विषय-वस्तु रहे हैं और वृहत रूप से इनके बहाने से कवियों ने विविध दृश्य और संवाद रचे हैं।
स्मृतियों का प्रतिफल आँसू है
यादों को भी पानी की ज़रूरत होती है—आँसुओं के पानी की।
कड़वाहट का गोला जब गले में पिघलता है तो आँखों में आँसुओं की चुभन शुरू हो जाती है।