1895 - 1963 | चिरगाँव, उत्तर प्रदेश
द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।
द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।
जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।
पास यहाँ से प्राप्त कीजिए